सरकार के मंत्री-गण और अन्ना हजारे टीम के बीच एक-दूसरे के लोकपाल को लेकर कई मुद्दों पर असहमति है. जन लोकपाल की सभी बातों से राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति सहमत नहीं है. लेकिन हाल में जन-अधिकार पर जो हमले हुए, उससे भी राजनीतिक दल सहमत नहीं हैं. संसद को कानून बनाना है. अभी लोकपाल बिल संसद की स्टैंडिंग कमिटी के पास विचाराधीन है. हालांकि स्थायी समिति ने अपनी प्रथम बैठक में...
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जनता से ऊपर कोई संस्था नहीं - सुभाष कश्यप
न तो संसद और न ही न्यायपालिका सर्वोपरि है. जो लोग यह दलील दे रहे हैं कि संसद सवरेपरि है, वे गलतबयानी कर रहे हैं. हमारे संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसकी जनता सर्वप्रधान है. इसके बाद ही किसी का स्थान आता है. एक लंबी लड़ाई के बाद देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ. संप्रभु राष्ट्र का दर्जा हासिल करने के बाद देश...
More »आइ एम अन्ना एंड आइएम नॉट ए पॉलिटिशियन- पुण्य प्रसून वाजपेयी
आइ एम अन्ना एंड आइ एम नॉट ए पॉलिटिशियन. माथे पर मैं अन्ना हूं और छाती पर टांगे इस स्लोगन के अक्स में, अगर जन लोकपाल के घेरे में आती संसदीय राजनीति के सच को देखें, तो पहली बार जन संघर्ष उस राजनीति को ही खारिज करने पर उतारू है, जिसके आसरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 17 अगस्त को संसद में अन्ना हजारे के आंदोलन को संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा...
More »निर्णायक प्रतिरोध का समय : चेतन भगत
हम सभी का सामना किसी ऐसे ‘अंकल’ से हुआ होगा, जो समय-समय पर हमें याद दिलाते रहते हैं कि इस देश का भगवान ही मालिक है। उनकी हर बात का लब्बोलुआब यह रहता है कि भारत एक भ्रष्ट और नाकारा देश है, जहां जिंदगी गुजारना मुश्किल है। वे हमें बताते हैं कि आरटीओ से लेकर राशन की दुकान और नगर पालिका तक हर सरकारी अधिकारी घूस खाता है। वे हमें यह भी...
More »दिल्ली लौटे अन्ना, संसदीय समिति से होगी बात
नई दिल्ली। 16 अगस्त से प्रस्तावित अपने अनशन के लिए गाधीवादी अन्ना हजारे बुधवार को दिल्ली पहुंचे। उनकी आज अपराह्न कार्मिक और प्रशिक्षण तथा विधि और न्याय मामलों की संसद की स्थाई समिति के समक्ष लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अपनी बात रखने की संभावना है। हजारे ने हालाकि कहा है कि वह अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे। दिल्ली आने के बाद हज़ारे ने कहा कि संसद में पेश...
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