एक जमाना था जब कहा जाता था ‘उत्तम खेती, मध्यम बान, अधम चाकरी भीख निदान।' इस कहावत के अर्थ से मेरा गांव भी अछूता नहीं था। जम कर खेती की जाती थी और तब महात्मा गांधी के सपनों के सुराज का प्रभाव यहां दिखता था। यों मेरा गांव बहुत छोटा है, लेकिन अंदर से इतना बड़ा कि यहां सभी लोग आपस में वर्षों से मिलजुल कर और सौहार्द से रहते...
More »SEARCH RESULT
आत्मनिर्भरता के लिए हो महिला रोजगार--- जयश्री सेनगुप्ता
आज युवा बेरोजगारी की बात तो लगभग हर कोई करता है लेकिन महिला रोजगार की बात बहुत कम लोग ही करते हैं। महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के तो कई तरीके हैं। यह बात उनके अपने लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगी और उनके परिवार के लिए भी। हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन 10 क्षेत्रों की रूपरेखा तय की...
More »महिला सरपंचों ने कहा - मैं आजाद हूं... मैंने सीख लिया पति को 'ना' कहना
राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। मेरा दृढ़ मत है कि इस देश की सही शिक्षा यह होगी कि स्त्री को अपने पति से भी 'न" कहने की कला सिखाई जाए। उसे यह बताया जाए कि अपने पति की कठपुतली या उसके हाथों में गुड़िया बनकर रहना उसके कर्तव्य का अंग नहीं है। उसके अपने अधिकार और कर्तव्य हैं...। गांधी ने यह विचार करीब 80 साल पहले व्यक्त किया था। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में...
More »अंधेरी बंद कोठरियों में-- सुभाषिनी सहगल अली
मैं इस लेख की शुरुआत इस बात से करने वाली थी कि साठ बड़े भारतीय अर्थशास्त्रियों ने अरुण जेटली को खुला पत्र लिखकर देश की महिलाओं के स्वास्थ्य और खुशहाली पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मांग की है कि आने वाले बजट में वह भी इन चिंताओं पर ध्यान दें। ये सब बड़े अर्थशास्त्री हैं और एमआईटी, हार्वर्ड, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालयों से लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में...
More »सालभर पहले थी तंगी, अब 35 महिलाओं ने छोड़े बीपीएल कार्ड
विवेक पाराशर, बड़वानी। मातृ शक्ति जब कुछ करने का ठान लेती है तो बाधाएं दूर भागते देर नहीं लगती। जिले की आर्थिक रूप से कमजोर 10 महिलाओं ने एक समूह बनाकर सिलाई और अन्य काम शुरू किया। काम शुरू हुआ और रोज 75 रुपए आय होने लगी। चार साल में सबकी मेहनत और लगन ने ऐसा कमाल दिखाया कि अब हर सदस्य 15 से 30 हजार रुपए महीने कमा रही...
More »