झारखंड में जब तक जमीन की समस्या का कोई रास्ता नहीं निकलता, इस राज्य को विकसित राज्य बनाना मुश्किल होगा. राज्य बनने के बाद अनेक कंपनियों ने झारखंड आना चाहा, लेकिन अधिकांश को जमीन नहीं मिल पायी. एमओयू होते गये लेकिन ये जमीन पर नहीं उतारे गये. 37 स्टील कंपनियों ने तो एमओयू वापस ले लिया या रद्द कर दिया. अगर ये कंपनियां यहां लग गयी होती तो न सिर्फ...
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हादसे के बाद ही क्यों जागते हैं हम? - मिहिर आर भट्ट
इसके पहले बहुत कम ऐसा हुआ है कि भूकंप की किसी एक घटना ने इतने सारे इलाकों में इतनी सारी दरारें खोलकर हमारे सामने रख दी हों। धरती में भी, और आपदाओं का सामना करने की हमारी तैयारियों में भी। इस भूकंप ने नेपाल और भारत के एक बड़े हिस्से को सही मायनों में अपनी धुरी पर से 'हिलाकर" रख दिया है। इस भूकंप के बाद हमारे सामने कई मसले आन...
More »हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा, कैसे गायब हो गये राज्य के 38 पहाड़
रांची : राज्य के पांच जिलों से 38 पहाड़ों के गायब होने के मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. तीन सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने...
More »मुसीबतों के फंदे में उलझा किसान - संजय गुप्त
बीते बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की जिस ढंग से मौत हुई, उसने न केवल लोगों को झकझोरा, बल्कि दशकों पुरानी किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सतह पर ला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप" के अन्य बड़े नेताओं की उपस्थिति में गजेंद्र पहले एक पेड़ पर चढ़े और फिर उन्होंने अपने गले में...
More »छत्तीसगढ़ में करोड़ों का जलाशय, खेत में नहीं बूंद भर पानी
कोरबा (निप्र)। करोड़ों की लागत से जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित बताती जलाशय की उपयोगिता शून्य ही साबित हो रही है। तकनीकी गुणवत्ता के अभाव में जलाशय में जल भराव संभव नहीं होने के कारण जलाशय की प्यास वर्षों से नहीं बुझ सकी है। जल भराव के अभाव में क्षेत्र के किसान न तो रबी फसल ले पा रहे हैं और न ही इसकी उपयोगिता खरीफ फसल में किसानों के लिए...
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