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किसान को मिले सब्सिडी-।। डॉ भरत झुनझुनवाला ।।

सब्सिडी के बढ़ते बोझ के कारण सरकार की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा रही है. सरकार ने सब्सिडियों में कटौती करने का मन बनाया है. किसान और गरीब को सब्सिडी जरूरी है. सब्सिडी घटाने के स्थान पर इसके वितरण के नये रचनात्मक उपाय सोचने चाहिए, जिससे खर्च भी बचे और किसान भी लाभान्वित हों. सरकार रासायनिक फर्टिलाइजर, यूरिया कंपनियों को भारी सब्सिडी दे रही है. वित्त मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार केवल 46...

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लूट की छूट- आशीष खेतान

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...

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गायब हो गई गरीबी के सरकारी आंकड़ो की पोल खोलने वाली रिपोर्ट

क्या आपको अर्जुन सेनगुप्ता समिति की रिपोर्ट की याद है? यही थी वह रिपोर्ट जिसने सरकार के गरीबी के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा कि तकरीबन 80% भारतीय रोजना 20 रुपये से भी कम की आमदनी में गुजारा करने को बाध्य हैं।नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के नाम से जानी गई यह रिपोर्ट अब सूचनाओं के सार्वजनिक जनपद से गायब है। नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर की वेबसाइट अब...

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भारतबंद का मिलाजुला असर, आमजन परेशान

नयी दिल्ली: डीजल के दामों में वृद्धि, खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मूंजरी और सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या घटाए जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ राजग, वाम दलों और समाजवादी पार्टी द्वारा आहूत बंद का आज देश में मिलाजुला असर देखने को मिला.   बंद के चलते राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब तथा हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में सामान्य जनजीवन पर असर पडा. मुंबई...

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झटका उपचार का नया दौर- आनंद प्रधान

जनसत्ता 19 सितंबर, 2012: यूपीए सरकार ने एक झटके में ताबड़तोड़ डीजल-रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से लेकर अर्थव्यवस्था के संवेदनशील क्षेत्रों को विदेशी पूंजी के लिए खोलने और सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के विनिवेश जैसे कई बड़े और विवादास्पद फैसलों का एलान करके संकट में फंसी अर्थव्यवस्था पर ‘झटका उपचार’ (शॉक थेरेपी) को आजमाने की कोशिश की है। यह उपचार भारत में कोई पहली बार नहीं आजमाया जा रहा...

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