नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। खनन कंपनियों के लाभ में विस्थापित आदिवासियों को हिस्सेदारी देने के मुद्दे पर सरकारी कंपनियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। सरकारी कंपनियों को भी अपने लाभ में से 26 फीसदी हिस्सा विस्थापित स्थानीय या आदिवासी परिवारों को देना होगा। इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे योजना आयोग, कोयला मंत्रालय और स्टील मंत्रालय भी अब इसके लिए राजी हो गए हैं। इन विभागों का विरोध समाप्त होने के...
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राष्ट्रद्रोह, राजद्रोह और जनविद्रोह -- कनक तिवारी
विनायक सेन के मामले में चुप रहना उचित नहीं होगा. मैं ज़मानत आवेदन के सिलसिले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उनका वकील रह चुका हूं. इसलिए मुझे अच्छी तरह मालूम है कि उस स्थिति में विनायक सेन के विरुद्ध पुलिस की केस डायरी में ऐसा कुछ नहीं था कि प्रथम दृष्टि में मामला भी बनता. यह अलग बात है कि हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत मंजूर नहीं की जो बाद में लगभग...
More »लाल टमाटर भी कर रहा लाल
जालंधर। तड़के के राजा प्याज के साथ टमाटर की भी अहमीयत कम नहीं है। प्याज के दाम भले ही कुछ कम हुए हैं, लेकिन लाल टमाटर तड़के का अभी भी दुश्मन बन रहा है। 2-3 रुपए किलो बिकने वाले टमाटर की कीमतें आसमां छू रही हैं। यही टमाटर होलसेल में ही 30 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है, जबकि रीटेल में टमाटर 50 रुपए प्रति किलो से कम नहीं है। प्याज के...
More »क्या सोचा क्या पाया
जिन सपनों को लेकर एक दशक पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उनमें से कितने सपने आंखों से उतरकर जमीन पर चल पाए हैं? नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य दस साल का हो गया. दस साल की उम्र किसी राज्य का भविष्य तय करने के लिए काफी नहीं होती, पर ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’ वाली कहावत के हिसाब से देखा जाए तो उस भविष्य का अंदाजा लगाने के...
More »छोटे कर्ज पर संकट का बड़ा साया : गुरचरन दास
हमारे देश में एक अद्भुत घटना घट रही है। तीन करोड़ गरीब महिलाओं ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ऋण लिए हैं। इस राशि से वे या तो एक गाय खरीदती हैं, ताकि दूध का व्यवसाय कर सकें, या वे इस राशि का निवेश एक सिलाई मशीन में करती हैं, ताकि कपड़े बेच सकें या फिर वे एक किराना दुकान खोल लेती हैं। जो कार्य गैरसरकारी संगठनों...
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