राजस्थान के कई शहरों में लोगों को 24 घंटे पानी देने की तैयारी की जा रही है. मगर कहने में अच्छी लगने वाली यह योजना कार्यान्वयन के स्तर पर खामियों से भरी है. शिरीष खरे की रिपोर्ट खबर 24X7. बैंकिंग 24X7. पिज्जा 24X7. और अब इसी तर्ज पर राजस्थान के कई शहरों में 24 घंटे और सातों दिन पानी पिलाने का दावा किया जा रहा है. यह दावा राज्य सरकार...
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रेणु के गांव में आज भी जिंदा हैं ‘मैला आँचल’ के पात्र- संजीव चंदन की रिपोर्ट(तहलका)
पूर्णिया में प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य अधिवेशन में शिरकत करने के दौरान रेणु जी के गाँव जाना संभव हुआ. औराही हिंगना को, रानी गंज के इलाके ( मैला आँचल में मेरीगंज ) को, जहाँ फणीश्वर नाथ रेणु का पुश्तैनी घर है, जो मैला आँचल और परती-परिकथा सहित उनकी कई कहानियों की आधारभूमि है, जहां पंचलैट के टोले हैं, जहाँ तीसरी कसम के जीवंत पात्र और कसबाई तथा ग्रामीण समाज ...
More »गरीब परिवारों की 33 हजार बेटिया की बसी गृहस्थी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले सात साल में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत करीब 33 हजार बेटियो की शादी की गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहा बताया कि महिला व बाल विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अब तक करीब 33 हजार बेटिया विवाह के बंधन में बंध चुकी हैं। इन बेटियों का विवाह महिला और बाल विकास विभाग व समाज सेवी संस्थाओं...
More »असम के चाय-बागान में भुखमरी से मौत
इतिहासकार बताते हैं कि अंग्रेजीराज के समय देश के पूर्वोत्तर के चाय-बागानों में काम करने वाले मजदूर बड़ी दीन-दशा में थे, तकरीबन बंधुआ मजदूर की दशा में। आजादी के बाद, इनकी दशा कुछ सुधरी। गुजरे कुछ दशकों में देश के चाय-उद्योग ने उन सालों में भी मुनाफा कमाया जिन सालों को आर्थिक-प्रगति के लिहाज से बेहतर नहीं माना जाता। ठीक इसी कारण, असम के चाय-बागानों से आने वाली भुखमरी की...
More »जल की जमींदारी- राजकुमार सोनी(तहलका)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 40 किलोमीटर दूर दुर्ग जिले के गांव महमरा के बाशिंदे आज भी इस बात को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते कि सदियों से उनकी जीवनरेखा रही शिवनाथ नदी पर अब उनका पहले जैसा अधिकार नहीं रहा. यहां के एक ग्रामीण साधुराम बताते हैं, 'हमें तो अब नदी की तरफ जाने में ही डर लगता है कि कोई कुछ कह न दे.' दरअसल शिवनाथ छत्तीसगढ़ की...
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