एक ऐसे समय में जब महंगाई ऐतिहासिक ऊँचाई छू रही है, यह कयास लगाना मुश्किल नहीं कि बुजुर्गों के लिए जीवन जी पाना सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा है। पेंशन परिषद द्वारा जारी एक वक्तव्य के अनुसार फिलहाल देश में 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों को सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा के नाम पर 200 रुपये का मासिक वृद्धावस्था पेंशन मिलता है और उम्र की आठ दहाई पार कर चुके बुजर्गों...
More »SEARCH RESULT
कहां चूक गये हम ? - श्रीश चौधरी
आजादी के 66 वर्षो बाद भी शिक्षा जैसे बुनियादी विषय पर समाज की ऐसी दयनीय स्थिति चिंता व खेद का कारण है. हमारी गरीबी, हमारा पिछड़ापन, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में हमारे उत्साह एवं प्रयास के अभाव का ही परिणाम है. स्वतंत्रता के बाद ही ऐसे कदम उठाये जाने चाहिए थे, ऐसी नीतियां बननी चाहिए थीं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सर्वव्यापी बनाते. परंतु वैसा नहीं हुआ. परिणाम सामने है - जिस समाज की...
More »गरीब भी खाने लगे हैं सब्जी इसलिए बढ़ गयी महंगाई : सिब्बल
ग्वालियर : महंगाई पर गैरजिम्मेदाराना बयान देने वाले कांग्रेस नेताओं की सूची में एक नाम और जुड़ गया है. अब कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने महंगाई के लिए गरीबों को ही जिम्मेदार ठहराया है. संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सिब्बल ने कहा कि देश के गरीब अब दाल के साथ सब्जी भी खाने लगे हैं. इससे एक तरफ मांग बढ़ी है और उत्पादन में कमी आयी है. इस कारण ही महंगाई बढ़ी है....
More »विवाद निपटाने का प्रभावी माध्यम हैं लोक-अदालतें- पी सदाशिवम्
नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम ने लोक अदालतों के सदस्यों को आगाह किया है कि वे यह तय करें कि उनके फैसलों को सहमति देने के लिए वादी धमकाए या गुमराह न किए जाएं क्योंकि ये फैसले अंतिम हैं। इनके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालतों को विवाद निपटाने का एक प्रभावी माध्यम मानते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वे गरीबों, कमजोरों और कम सूचित वर्गों...
More »अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ
राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...
More »