उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
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गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »सिर्फ जन लोकपाल से संपूर्ण हल नहीं:रामदेव
हरिद्वार, जागरण संवाददाता: योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि सिर्फ लोकपाल या जनलोकपाल से देश को नहीं बचाया जा सकता। देश को खोखला कर रही समस्याओं से निजात पाने के लिए उन्होंने सात सूत्रीय एजेण्डा भी पेश किया। जिसे नाम दिया गया 'व्यवस्था परिवर्तन व संपूर्णक्रान्ति। बाबा ने प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव की पुरजोर पैरवी करते हुए उन्हें देश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाने पर जोर दिया। मंगलवार को...
More »भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने वालों को 50 हजार
राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों उजागर कर इसमे लोकसेवकों को बेनकाब करने वाले आम लोगों को 50 हजार तक की पुरस्कार राशि प्रदान करेगी। लोकसेवकों के दायरे में विधायक, सांसद व अधिकारी सभी आते हैं। पुरस्कार प्रदान करने के लिए गुप्त सेवा कोष व पुरस्कार कोष का निगरानी विभाग में गठन हो चुका है। मंगलवार को जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि...
More »जनता से ऊपर कोई संस्था नहीं - सुभाष कश्यप
न तो संसद और न ही न्यायपालिका सर्वोपरि है. जो लोग यह दलील दे रहे हैं कि संसद सवरेपरि है, वे गलतबयानी कर रहे हैं. हमारे संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसकी जनता सर्वप्रधान है. इसके बाद ही किसी का स्थान आता है. एक लंबी लड़ाई के बाद देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ. संप्रभु राष्ट्र का दर्जा हासिल करने के बाद देश...
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