उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
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पूर्वोत्तर में महिला अपराध में असम शीर्ष पर
गुवाहाटी। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी)की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पूर्वोत्तर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं की सर्वोच्च वृद्धि दर असम में दर्ज की गई और देश में इसका स्थान सातवां है। पिछले एक साल में असम में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 13 हजार 544 घटनाएं हुईं और देश में उसका स्थान सातवां रहा। पश्चिम बंगाल इस तरह के 30 हजार 942 मामलों के साथ सूची में शीर्ष...
More »ऐसे संघर्ष का औचित्य क्या है- विनोद कुमार
जनसत्ता 15 जून, 2013: बूर्जुआ राजनीतिक दलों और पुलिस प्रशासन की नजर में उग्रवादी, आतंकवादी, नक्सली और माओवादी, सभी एक हैं। उनकी नजर में तो यथास्थितिवाद का विरोध करने वाला हर आदमी नक्सली है। लेकिन इन सब में फर्क है। सबों के राजनीतिक दर्शन और लक्ष्यों में अंतर है। मोटे रूप में कहा जाए तो देश में सक्रिय उग्रवादी और आतंकवादी संगठन देश का विखंडन चाहते हैं, अलग देश की...
More »राज्यों को महंगी मिल रही है राशन की चीनी
बढ़ेगा बोझ - ऊंचे दाम पर चीनी की खरीद से राज्यों को करना होगा भुगतान निविदा के भाव मध्य प्रदेश को 32.87 रुपये प्रति किलो की दर से मिली निविदा केंद्र सरकार ने खरीद दाम तय किया हुआ है 32 रुपये प्रति किलो ज्यादा दाम पर खरीदी गई चीनी का भार राज्य सरकारों पर पड़ेगा कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से की सब्सिडी बढ़ाने की मांग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए राज्यों को महंगी...
More »माओवाद को लेकर मतिभ्रम- विनोद कुमार
जनसत्ता 31 मई, 2013: झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के वनक्षेत्र वाले इलाकों में माओवादी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। हाल में झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर हमला कर माओवादियों ने तीन दर्जन लोगों को मार डाला। इस हमले में मारे जाने वाले कुछ सुरक्षाकर्मियों सहित कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता हैं। आजादी के साढ़े छह दशक बाद भी कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियां अगर ‘विकास...
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