मुजफ्फरपुर में ‘एक्यूट इंसेफेलाइटिस' नामक बीमारी से हुई बच्चों की मौत दर्दनाक घटना है. इसने सरकार और समाज दोनों को विचलित किया है. हालांकि, विशेषज्ञ अब तक इसे अज्ञात बीमारी बता रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों ने भीषण गर्मी, कुपोषण और जागरूकता के अभाव आदि को इसका तात्कालिक कारण माना है. इस भीषण त्रासदी पर दलगत राजनीति भी हुई और मीडिया का बाजार भी गरमाया. मीडिया के एक वर्ग द्वारा राज्य...
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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, गरीबी को मात देने में झारखंड नंबर वन
रांची : भारत ने गरीबी से जंग में काफी प्रगति कर ली है, इसका खुलासा संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट की सबसे खास बात यह है कि गरीबी को मात देने में झारखंड नंबर वन पोजीशन पर है. झारखंड में गरीबी से मुक्ति के लिए उल्लेखनीय काम हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में विकास हुआ है जिसकी...
More »मैला ढोने का काम कराने वालों को सजा देने के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं: केंद्र
नई दिल्ली: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में स्वीकार किया कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 1993 में और फिर 2013 में मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला उठाना) को गैरकानूनी घोषित करने के बाद भी अभी ये प्रथा हमारे समाज में मौजूद है. खास बात ये है कि मंत्रालय ने बताया कि राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों से मैला ढोने वालों...
More »ताकि मिले बढ़ती आबादी का फायदा- प्रो.सुरेश शर्मा
देश-दुनिया की तमाम सरकारों और नीति-निर्माताओं के लिए आज यह याद करने का दिन है कि जनसंख्या और उससे जुड़े मसलों का हल उनकी विकास-नीतियों के मूल में होना चाहिए। भारतीय संदर्भ में देखें, तो 1920 के दशक तक हमारे हिस्से में अत्यधिक जन्म-दर और मृत्यु-दर रही है, पर उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट देखी गई। जन्म-दर, मृत्यु-दर और जनसंख्या वृद्धि का परस्पर संबंध किसी देश की जनसंख्या का...
More »जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी
शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...
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