नई दिल्ली। प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के तहत देश के कम से कम 75 प्रतिशत आबादी को इसके दायरे में लेने के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की सिफारिशों को लागू करने हेतु संप्रग सरकार को हर साल करीब 6.2 करोड़ टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। खाद्यान्नों की आवश्यकता सरकार के द्वारा पिछले वर्ष की गई 5.4 करोड़ टन की खरीद से कहीं अधिक है। हाल में संप्रग अध्यक्ष...
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अगले साल से 80 करोड़ को मिलेगा सस्ता अनाज
नई दिल्ली। प्रस्तावित फूड सिक्योरिटी बिल के तहत अगले वित्त वर्ष से देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ते दरों पर गेंहू उपलब्ध करवाए जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय सलाहाकार परिषद ने पीडीएस के द्वारा सस्ता अनाज देने की सिफारिश की है। परिषद ने फूड सिक्योरिटी बिल के पहले चरण में ये प्रावधान लागू करने का सुझाव दिया है। परिषद की आज नई दिल्ली में हुई छठी...
More »धान खरीदी नियमों को आसान बनाने की मांग
चण्डीगढ़: । पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार को केंद्र सरकार को चेताया कि यदि सरकार अनाज की खरीद प्रक्रिया के दौरान धान के गुणवत्ता मानकों को आसान नहीं किया गया तो राज्य में किसानों की नाराजगी गुस्से में बदल सकती है।मुख्यमंत्री बादल ने जारी एक बयान में कहा, "अपने परिश्रम से देश के लिए अनाज पैदा करने वाले किसानों को हमारी मदद की जरूरत है। खाद्य संकट...
More »सोनिया के 'कुनबे' में कलह, इस्तीफा देंगे कई सदस्य
भोपाल. खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) में फूट पड़ गई है। परिषद के कई सदस्य सिफारिशों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने परिषद की मंशा पर ही सवालिया निशान लगाए हैं। इनमें सबसे आगे ख्यात अर्थशास्त्री प्रोफेसर ज्यांद्रेज और हर्ष मंदर हैं। कुछ सदस्य परिषद की सदस्यता भी छोड़ सकते हैं। खाद्य सुरक्षा को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे ज्यांद्रेज और हर्ष मंदर को परिषद ने...
More »खाद्य सुरक्षा क़ानून में विसंगतियां
इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) और सरकार का अंतरद्वंद्व खुलकर सार्वजनिक रूप से उजागर हो गया है। ज़्यां द्रेज़ का मानना है कि एनएसी ने चार महीनों की मेहनत के बाद जिस मसौदे को अंतिम रूप दिया है उससे खाद्य सुरक्षा का वादा पूरा कर पाने में सरकार विफल ही रहेगी। मसौदे को एक निराशाजनक दस्तावेज़ करार देते हुए उन्होंने इससे कड़े शब्दों में अपनी असहमति...
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