खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
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राजस्थान में गरीब को मिलेगा आवास का आसरा, कच्ची बस्तियां होगी खत्म
जयपुर, छह जनवरी (एजेंसी) सूचना का अधिकार कानून को लागू करने में पूरे देश में अव्वल रहा राजस्थान अब आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग के लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग योजना शुरू करने में भी देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार राज्य में लागू की गई इस अनूठी आवासीय योजना में पहले पांच वर्षों में एक लाख पच्चीस हजार...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
More »डिजिटल क्रांति के खतरे : केविन रैफर्टी
कल्पना करें कि बड़े पैमाने पर सर्वर डाउन या पॉवर फेल की स्थिति में क्या होगा? या अगर विध्वंसक इरादों वाले किन्हीं उन्मादियों ने डिजिटल तंत्र पर कब्जा कर लिया तो क्या परिणाम होंगे? डिजिटल क्रांति के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र उत्पादन के स्थान पर वितरण की ओर खिसक रहा है। पहले एक अच्छी खबर : डिजिटल क्रांति अभी शुरू ही...
More »‘आप गलतफहमी के शिकार हैं. हमने भूमि सुधारों को बैकबर्नर पर नहीं डाला है’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
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