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समृद्ध वन्यजीवन वाले उत्तर प्रदेश के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान की सांस फूल रही है. हिमांशु बाजपे??

उम्मीदों का उजास और निराशा की स्याही दुधवा नेशनल पार्क के दो छोर हैं. इनके बीच में  ज़िंदगी के जितने रंग हैं, वे सब देखने को मिलते हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित दुधवा की सैर करते हुए जल्दी ही अहसास हो जाता है कि पार्क में सब कुछ उतना ठीक नहीं है जितना पहली नजर में लगता है. हरे-भरे दुधवा के वन्य जीवन  को पेड़ों की अंधाधुंध कटाई...

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वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न नहीं कर पाएंगे इलाज

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से 1967 के बाद वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न की डिग्री लेने वाले वैद्यों की डिग्री कानूनी नहीं है और इन लोगों को मरीजों का इलाज करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले से पिछले 43 वर्षों में हिन्दी साहित्य सम्मेलन से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हजारों वैद्यों का बोरिया बिस्तर बंध जाएगा।...

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बच्चे पढ़ने लगे बिहार के राघव की कहानी

पटना [भारतीय वसंत कुमार]। बिहार में वैशाली जिले के मंसूरपुर में रहने वाले राघव की कहानी इन दिनों देश के बच्चे पढ़ने लगे हैं। राघव ने बिना किसी तकनीकी शिक्षा के अपने गांव के लिए 'कम्युनिटी रेडियो' का माडल विकसित किया। इस राह में उसे कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा। पुलिस के चक्कर भी लगाने पड़े। लेकिन उसके प्रयास को सफलता मिली और इस समय वह अजमेर [राजस्थान] के...

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बच्चे पढ़ने लगे बिहार के राघव की कहानी

पटना [भारतीय वसंत कुमार]। बिहार में वैशाली जिले के मंसूरपुर में रहने वाले राघव की कहानी इन दिनों देश के बच्चे पढ़ने लगे हैं। राघव ने बिना किसी तकनीकी शिक्षा के अपने गांव के लिए 'कम्युनिटी रेडियो' का माडल विकसित किया। इस राह में उसे कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा। पुलिस के चक्कर भी लगाने पड़े। लेकिन उसके प्रयास को सफलता मिली और इस समय वह अजमेर [राजस्थान] के बेयरफुट कालेज में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन...

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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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