महंगाई के दौर में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिली है। घरेलू बाजार में महीने भर में खाद्य तेलों की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। ब्याह-शादियों का सीजन चल रहा है, जिससे खाद्य तेलों में मांग तो अच्छी है लेकिन कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा होने के कारण कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना...
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आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता और बढ़ी
खाद्य तेलों के परिदृश्य पर कृषि मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च तो कर रही है इसके बावजूद विदेशों से आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। देश में वर्ष 2001-02 में कुल खपत के 56 फीसदी खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन हो रहा था जबकि वर्ष 2012-13 में...
More »तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान
जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 : तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...
More »झारखंड को सुराज की दरकार- अश्विनी कुमार
तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया शुरू होने और इससे जुड़े विवाद से नये राज्यों के बनने की नयी संभावनाओं का द्वारा खुला है. झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के गठन के बाद छोटे राज्यों पर फोकस बढा. इन राज्यों के निर्माण के वक्त विकास व गवर्नेस दो मुद्दे बने. झारखंड के साथ बने अन्य दो राज्यों की मांग या निर्माण के पीछे जो भी कारण रहे हों, लेकिन झारखंड के गठन की ऐतिहासिक...
More »मिड डे मील पर महंगाई की मार बच्चों की थाली से आलू भी गायब
रांची: विद्यालयों में दिये जाने वाले मध्याह्न् भोजन पर महंगाई की मार पड़ी है. महंगाई के कारण बच्चों की थाली से हरी सब्जियां तो पहले से ही गायब थीं, अब आलू भी नहीं मिल रहा है. मध्याह्न् भोजन में सब्जी के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. हरी सब्जी के बदले मूली का साग और आलू का चोखा दिया जा रहा है. आलू की कीमत बढ़ने से इसकी भी मात्र घटा दी...
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