राजस्थान में जेल-प्रशासन एक तिहाई विचाराधीन कैदियों को सुनवाई की तारीख पर अदालत में पेश नहीं कर पाता, क्या आप सोच सकते हैं क्यों ? विचाराधीन कैदियों को निर्धारित तारीख पर अदालत में पेश ना कर पाने की वजह है एस्कार्ट के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस-बल का ना होना ! मानवाधिकारों के लिए सक्रिय कॉमनवेल्थ ह्यूमनराइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक हालिया अध्ययन के अनुसार बीते बीस सालों में राजस्थान के जेलों में...
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एक योजना का निराधार हो जाना-- हरजिंदर
यूनीक आइडेंटिटी नंबर यानी आधार की राह कभी आसान नहीं थी। खासतौर पर आम लोगों ने इसके लिए काफी पापड़ बेले हैं। पांच साल पहले, जब कार्ड बनाने की शुरुआत हुई थी, तो इसका फॉर्म लेने के लिए ही लंबी लाइनें लगती थीं। फिर उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन दर्ज कराने के लिए हफ्तों बाद का समय मिलता था। इतने इंतजार के बाद नियत समय पर पहुंचने...
More »दाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत-- रमेश दूबे
महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...
More »भारत की कहानी में बिहार कहां है?-- शंकर अय्यर
आज बिहार उम्मीदों और निराशा के दोराहे पर खड़ा है। पिछले कई दशकों से अगर बिहार दुर्दशा झेल रहा है, तो इसकी वजह सिर्फ मंडल, कमंडल और जंगल राज नहीं है। इसकी असल वजह 'राजनीति' है, जिसमें 'राज' कुछ ज्यादा, तो 'नीति' जरूरत से काफी कम रही है। भारत में शासन को लेकर एक बेहद प्रचलित उक्ति है कि यहां वह सब कुछ जो गलत हो सकता है, वह लगातार...
More »रोगों से जूझते टिहरी बांध के गांव-- सुरेश भाई
टिहरी बांध के चारों ओर बसे सौड़, उप्पू, डांग, मोटणा, भैंगा, जसपुर, डोबरा, पलाम, भल्डियाना और धरवाल आदि गांवों में सितंबर की शुरुआत से ही नई समस्या खड़ी हो गई है। इन गांवों में मलेरिया और वाइरल बुखार का प्रकोप फैल रहा है। सात-आठ सितंबर को सौ से ज्यादा लोगों को तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द जैसी शिकायतों के कारण नई टिहरी जिला अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मरीजों की इतनी...
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