धर्मशाला, बड़सर [संजय गोस्वामी]। आइए! यह शिक्षा का मंदिर है, जहा ज्ञान का प्रकाश बिखरता है। लेकिन अंधेरे में रहना इसकी नियति बन गई है। ठहरिए.! यह स्कूल हाई प्रोफाइल जिले हमीरपुर का है, जिसका प्रदेश सरकार और साक्षरता में अच्छा-खासा दखल है। मुख्यमंत्री यहीं से हैं तो शिक्षा मंत्री भी। लेकिन स्कूल के प्रभावशाली बायोडाटा का क्या लाभ जब नौ साल से यहा बिजली का मीटर ही नहीं लगा। यूं कहें कि शिक्षा का मंदिर...
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अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है. हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...
More »कोचिंग पर कसी लगाम,पूरा कराना होगा कोर्स
पटना/बाढ़। कोचिंग संस्थान दूर-दराज से आये छात्रों के साथ अब मनमानी नहीं कर पायेंगे। सरकार ने प्रदेश भर में कुकुरमुत्तो की तरह उग आये कोचिंग सेंटरों पर लगाम कसने की पूरी तैयारी कर ली है। अब कोचिंग का निबंधन कराना पड़ेगा। इसके लिए शिक्षकों की पात्रता, संस्थान में बैठने को पर्याप्त जगह, प्रसाधन की व्यवस्था के अलावा अधिकतम शुल्क निर्धारित किया जायेगा। 22 फरवरी से शुरू हो रहे विधानमंडल के सत्र में विधेयक लाया जायेगा। इस...
More »15 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में श्रम विभाग ने 15 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। विभाग ने बच्चों से काम कराने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्ताीसगढ़ में बाल श्रम को रोकने और विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। श्रम विभाग द्वारा हर जिले में इसके लिए...
More »खनकती चूड़ियों के बीच हरित क्रांति
संझौली, रोहतास [प्रमोद टैगोर]। पहले जारी होता था सासू जी का फरमान-बहू, घर से बाहर मत निकलना, खानदान की नाक कट जाएगी। पर, अब ऐसी बात नहीं। बदलते परिवेश के साथ जमाना काफी बदला है। सासूजी खेत की मेड़ पर बच्चों की देखभाल कर रही हैं और बहुरिया खेती का काम। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के मथुरापुर गांव में महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर बन गयीं हैं। इनके हाथों की खुरपी, कुदाल, टोकरी ने...
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