मानव जाति की मूल आवश्यकताओं की बात करें तो रोटी, कपड़ा और मकान का ही नाम आता है। इनमें रोटी सर्वोपरि है। रोटी यानी भोजन की अनिवार्यता के बीच आज विश्व के लिए शर्मनाक तस्वीर यह है कि वैश्विक आबादी का बड़ा हिस्सा अब भी भुखमरी का शिकार है। भुखमरी की इस समस्या को भारत के संदर्भ में देखें तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा भुखमरी पर जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया...
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आधार के नाम पर पेंशन वितरण में देरी नहीं हो: सीआईसी
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने मंगलवार को कहा कि ‘आधार' जोड़ने के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों को पेशन में भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने यह व्यवस्था अहमदनगर निवासी निर्मला निशिकांत धुमाने की याचिका पर दी। धुमाने जानना चाहती थीं कि डाक विभाग ने मार्च 2017 से उसकी पेंशन आधार कार्ड की प्रति मांगते हुए क्यों रोक रखी है। एक अन्य आवेदन में उन्होंने उन...
More »कठघरे में खट्टर सरकार: फॉर्म में छात्रों से पूछा- माता-पिता अस्वच्छ पेशे में हैंं?
तो क्या अब स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चों के माता-पिता को अपना आधार नंबर भी बताना होगा? यह सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि हरियणा में स्कूलों में एडमिशन के लिए जो फॉर्म बच्चों को दिये जा रहे हैं उनमें मांगी गईं जानकारियां बेहद ही हैरान कर देने वाली हैं। हैरानी की बात यह भी है कि इस प्रवेश फॉर्म में 100 तरह की अलग-अलग जानकारियां मांगी गई...
More »महिला सशक्तीकरण की बाधित राह-- ज्योति सिडाना
दहला देने वाली इन कुछ घटनाओं पर नजर डालें। चार मार्च, 2018 को बिहार के भोजपुर में दुकान पर सामान लेने गई चार साल की बच्ची के साथ एक युवक ने दुष्कर्म कर उसे मारने की धमकी दी। सात मार्च को कोलकाता में कूड़ा बीनने वाली महिला की तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। एक और घटना में सात और दस साल की दो बहनें ट्यूशन से लौट कर...
More »ताकि अगली पीढ़ी को भी पानी मिले-- एम वेंकैया नायडू
ब्रिटिश कवि सैम्युअल टेलर कॉलरिज की कविता द राइम ऑफ द एनसिएंट मरीनर में एक पंक्ति है वाटर, वाटर एव्रीवेयर, नॉर एनी ड्रॉप टु ड्रिंक यानी पानी तो हर जगह है, पर एक बूंद भी पीने के काबिल नहीं। करीब दो सदी पहले इन शब्दों को रचते हुए सैम्युअल क्या आने वाले वर्षों की भविष्यवाणी कर रहे थे? क्या वह जाने-अनजाने उस जल संकट का कयास लगा रहे...
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