भुवनेश्वर/जाजपुर : ओड़िशा के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को लोगों ने इस अफवाह के बाद अफरा-तफरी में नमक खरीदना शुरू कर दिया कि यह भी आलू की तरह बाजार से गायब हो जायेगा. इससे नमक की कीमत बढ़ कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गयी. विगत कई दिनों से आलू की बढ़ी कीमतों से परेशान लोग किराने की दुकान पर अधिक से अधिक मात्र में नमक खरीदने के लिए जुट...
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ऊर्जा प्रदेश की खोज में- धीरेन्द्र शर्मा
करीब तीन महीने पहले उत्तराखंड में जब तबाही मची, तो एक राष्ट्र के रूप में हम ऐसी हिमालयी आपदा के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन तब भी कुछ पर्यावरणविदों ने यह घोषणा करने में देर नहीं लगाई कि अनियोजित मानवीय गतिविधियों ने इस आपदा को न्योता दिया है। कुछ ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं ने मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है। सुरंगों के लिए पहाड़ों में किए जाने वाले विस्फोट ने...
More »एक सप्ताह में 200 बीमार
हावड़ा: हावड़ा में डायरिया ने अपना पांव तेजी से पसारना शुरू कर दिया है. एक सप्ताह में 200 से ज्यादा लोगों के इसकी चपेट में आने के मामले सामने आये हैं. सोमवार को डायरिया से ग्रस्त 21 मरीजों को हावड़ा के सत्यबाला अस्पताल में भरती कराया गया, जबकि यहां 57 से ज्यादा मरीजों का इलाज पहले से चल रहा है. तेजी से फैल रहे डायरिया को लेकर मरीजों में आतंक है. डायरिया...
More »जहां वे सेतु बनते हैं- मिहिर पंड्या
जनसत्ता 1 फरवरी, 2013: गणतंत्र दिवस की सुबह। जयपुर साहित्य उत्सव के उस सत्र का शीर्षक था ‘विचारों का गणतंत्र’। आशीष नंदी ने पहले उदाहरण देकर विस्तार से समझाया कि क्यों एक सवर्ण अभिजात का भ्रष्टाचार हमारी बनाई ‘भ्रष्टाचार’ की मानक परिभाषाओं में फिट नहीं होता और क्यों सिर्फ दलित का भ्रष्टाचार नजर आता है। इसलिए जब उन्होंने यह कहा कि भ्रष्टाचारियों का बहुमत वंचित जातियों से आता है तो उन्होंने अपनी...
More »आंदोलन का जश्न -- मेधा( कुडनकुलम से विशेष रिपोर्ट)
इस बार 31 दिसंबर की शाम कुछ अलग तरह से गुजर रही है। दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर कन्याकुमारी के तटीय गांव इदिंतकराई में। तमिल में इदिंतकराई का अर्थ है- टूटा हुआ तट। यह गांव बंगाल की खाड़ी के जिस तट पर बसा है, वह एक जगह से टूटा है। गांव के नाम में, उसके तट में टूटन भले हो, लेकिन यहां के लोगों मंे कहीं आपसी टूटन नहीं दिख...
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