देश के शहरों में अमीरी और गरीबी के बीच असमानता के उच्चतम स्तर ने इन दिनों एक बड़ी बहस का रूप ले लिया है। योजना आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 में शहरी क्षेत्रों में अमीरों और गरीबों के बीच में आर्थिक असमानता अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रहा। खासतौर से देश के 10 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और असम...
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आर्थिक प्रगति और रोजगार के आंकड़े
नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) के ताजा आंकड़ों को मायूस करनेवाली खबरों के मौसम में, एक राहत देनेवाली आमद माना जा सकता है. एनएसएसओ का कहना है कि 2009-10 से पहले के पांच वर्षो में भारत के शहरों और कस्बों में बेरोजगारी के स्तर में पर्याप्त कमी देखी गयी है. इन पांच वर्षो में बेरोजगारी दर 3.8 फीसदी से घट कर 2.8 फीसदी रह गयी. यह आंकड़ा 2009-10 से पहले...
More »भूख के खिलाफ जंग में अब भी पीछे भारत- अरविन्द मोहन
कायदे से जिस साल भारत में खाद्य सुरक्षा कानून बना है और भोजन के हक पर व्यापक चर्चा हुई, उसमें तो संयुक्त राष्ट्र के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) द्वारा जारी नये हंगर इनडेक्स की भी खूब चर्चा होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछेक अखबारों में थोड़ी विस्तृत और बाकी में हल्के-फुल्के ढंग से खबर छप कर बात समाप्त हो गयी. कुछ लोग इस बात से संतुष्ट दिखे कि...
More »एक कदम आगे या एक कदम पीछे- संजय कुमार
राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...
More »ओडिशा, बिहार सबसे कम विकसित राज्य जबकि गोवा, केरल विकसित राज्य
नई दिल्ली। रघुराम राजन समिति की रपट में गरीब राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के लिये उन्हें ‘विशेष श्रेणी’ का दर्जा देने संबंधी मानदंड को समाप्त कर राज्यों को तीन विभिन्न श्रेणियों में बांटने की वकालत की गई है। रपट में गोवा व केरल को सबसे ज्यादा विकसित राज्य और ओडिशा व बिहार को सबसे कम विकसित राज्य करार दिया गया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग...
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