नयी दिल्ली, 6 अप्रैल (एजेंसियां) downloadसुप्रीम कोर्ट ने देश में सूखे की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को आज आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने एनजीओ ‘स्वराज अभियान' की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश के 9 राज्य सूखे से प्रभावित हैं और केंद्र सरकार इस पर अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। पीठ ने इससे निपटने के...
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मनरेगा : देश के एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण
चालू वित्तवर्ष में अब चंद दिन बाकी हैं लेकिन देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही मनरेगा के कामकाज का सामाजिक अंकेक्षण हो सका है. मनरेगा संबंधी सूचनाओं की वेबसाइट के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के विश्लेषण से इस तथ्य का खुलासा होता है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 26 मार्च तक देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण का काम हुआ है. एमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा...
More »आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »महबूबनगर जिले के हाल से सामने आया मनरेगा के 10 सालों का सच - चक्रधर बुद्ध/ राजेंद्रन नारायणन
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून(मनरेगा ) को 10 साल पूरे हो गए हैं। एनडीए सरकार का दावा है कि इसके शासन के चलते इस योजना को लागू करने में बदलाव आया है। इस दावे की सच्चाई पर सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि कई जगहों पर इसे लागू करने में कमियां रही है। इस पर ध्यान देने के लिए हम तेलंगाना के महबूबनगर जिले के घटू मंडल का उदाहरण...
More »मनरेगा के दस साल
दुनिया भर में रोजगार की सबसे बड़ी सरकारी योजना के रूप में प्रसिद्धि अर्जित कर चुके ‘मनरेगा' के दस साल पूरे होने पर नयी सरकार ने ठीक ही उसे राष्ट्रीय गौरव का विषय करार दिया है. व्यापक भ्रष्टाचार, पारदर्शिता के अभाव, निर्धारित दिनों से कम रोजगार देने और सरकारी धन को बगैर किसी पूंजीगत हासिल के बांटने के आरोपों के बावजूद, मनरेगा ने अपने दस साल के सफर में...
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