-द प्रिंट, नई दिल्ली: थोक वस्तुओं के दामों में सितंबर की 10.66 की तुलना में अक्टूबर में 12.54 फीसदी का इजाफा हो गया है. जिससे थोक वस्तुओं की कीमत में 1.88 फीसदी अधिक बढ़ोत्तरी हो गई है. इससे खास तौर से विनिर्मित उत्पादों और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से लगातार सातवें महीने दहाई अंक में बनी हुई है. इस साल सितंबर...
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सिर्फ 16 राज्य/UT के निजी स्कूलों में वंचित समूह के बच्चों को फ्री में पढ़ाया जाता हैः रिपोर्ट
-द प्रिंट, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स – एनसीपीसीआर) की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि देश भर में सिर्फ 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही वंचित समूहों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (एकनॉमिकली वीकर सेक्शंस- ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को बिना किसी शुल्क के निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश प्रदान किया जाता है. एनसीपीसीआर ने बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य...
More »भारत में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार, 17.7 लाख अत्यंत कुपोषित: सरकारी आंकड़े
-द वायर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि देश में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं और इनमें से आधे से अधिक अत्यंत कुपोषित की श्रेणी (एसएएम) में आते हैं. कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने निर्धन से निर्धनतम लोगों में कोविड...
More »जो थैंक्यू कहना रह गया है मोदी जी..
-न्यूजलॉन्ड्री, मेरे वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपकी तस्वीर टंकी हुई है. बहुत सारी बातों के लिए आप खुद ही अपने विज्ञापनों में अपना धन्यवाद करवाते रहे हैं. अब तो आपके मंत्री भी अपनी जगह आप ही का फोटो छापने लगे हैं. शायद धन्य महसूस करते भी होंगे. आपके जाने के बाद जो भी नेता आपकी पार्टी और विचारधारा को मिलेगा, वह शायद ही इतना सौभाग्यशाली हो. कौन सोच सकता है कि भारत...
More »नवीनतम उपलब्ध एनएसओ डेटा: फसल वर्ष 2012-13 और 2018-19 के बीच महंगा हुआ खेती करना
एक अर्थशास्त्री से यह सुनना लगभग तय है कि अगर सरकार के हस्तक्षेप के लिए कुछ मुफ्त या रियायती दर पर उपलब्ध है, तो लोग ऐसे सामानों / वस्तुओं का अति प्रयोग या अधिक उपभोग करते हैं. तो, सबसे अच्छा समाधान इस तरह के 'लगभग मुफ्त में उपलब्ध' या 'अत्यधिक सब्सिडी वाले' सामान या वस्तुओं के लिए एक बाजार बनाना है. एक बार जब लोग ऐसे सामान/वस्तुओं के उपयोग या...
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