भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन के 11 मई, 2010 को रिटायर होने के बाद, अनुसूचित जाति के किसी भी जज को सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बनाया गया है। साथ ही, वर्तमान के सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों में कोई भी अनुसूचित जाति से नहीं है, जबकि देश की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति में आता है। अनसूचित जनजातियों की स्थिति भी ऐसी ही है। पिछले...
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बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
More »मनरेगा : देश के एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण
चालू वित्तवर्ष में अब चंद दिन बाकी हैं लेकिन देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही मनरेगा के कामकाज का सामाजिक अंकेक्षण हो सका है. मनरेगा संबंधी सूचनाओं की वेबसाइट के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के विश्लेषण से इस तथ्य का खुलासा होता है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 26 मार्च तक देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण का काम हुआ है. एमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा...
More »बच्चों की सेहत और पश्चिम बंगाल में पोरिबोर्तन की हकीकत!
‘पोरिबोर्तन' के नारे से बनी ममता बनर्जी की सरकार में चाहे और कुछ बदला हो लेकिन बच्चों की सेहत की दशा पश्चिम बंगाल में बहुत कम बदली है ! हाल ही में जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पाँच साल से कम उम्र के लगभग बीस फीसद बच्चे ‘वेस्टिंग' के और ऐसे एक तिहाई बच्चे ‘अंटरवेट' तथा ‘स्टंटेड' श्रेणी के हैं. ( देखें नीचे दी...
More »वास्तविक विकास तो त्रिपुरा में हुआ है- सुभाषिनी अली सहगल
पिछले महीनों में कई बार देश के सबसे छोटे और गरीब राज्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के बारे में प्रसार माध्यमों द्वारा प्रशंसा की गई। हाल में उनकी पत्नी पांचाली की सादगी को लेकर भी, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं और अब ट्रेड यूनियन में काम कर रही हैं, लेख प्रकाशित हुए हैं। कम्युनिस्ट नेताओं की कड़ी आलोचना अधिक छपती है। यह आलोचना ज्यादातर इस बात को लेकर...
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