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लॉकडाउन ने हाशिए पर रह रहे लोगों को बिल्कुल साधनहीन बना दिया है

हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था.  ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...

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उत्तर प्रदेश भारत की कमजोर कड़ी है, इसे चार या पांच राज्यों में बांट देना चाहिए

द प्रिंट,  आखिर उत्तर प्रदेश ने हमें कोरोना महामारी और चीनी घुसपैठ की ‘सातों दिन 24 घंटे’ खबरों से थोड़ी राहत दिला दी. अब उलझन यह है कि उसे शुक्रिया कहें या न कहें? क्योंकि संदर्भ उतना ही चिंताजनक है. जितना जानलेवा महामारी के खतरे का या घुसपैठ पर उतारू एक पड़ोसी का हो सकता है. एक आदमी को एक ऐसे कथित ‘एनकाउंटर’ में मार डाला गया है जिसे इतने भद्दे...

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मनरेगा जरूरी या मजबूरी-7: शहरी श्रमिकों को भी देनी होगी रोजगार की गारंटी

-डाउन टू अर्थ, 2005 में शुरू हुई महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना एक बार फिर चर्चा में है। लगभग हर राज्य में मनरेगा के प्रति ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारों का रूझान बढ़ा है। लेकिन क्या यह साबित करता है कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है या अभी इसमें काफी खामियां हैं। डाउन टू अर्थ ने इसकी व्यापक पड़ताल की है, जिसे एक सीरीज के तौर...

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भारत में पुलिसिया न्याय का अंतहीन अध्याय

-न्यूजलॉन्ड्री, वैसे तो अंग्रेजों के द्वारा बनायी और उसी समय के पुलिस एक्ट से चल रही भारतीय पुलिस हर रोज अपनी क्रूरता, निरंकुशता एवं कानून विरोधी गतिविधियों के लिए खबरों एवं चर्चा में बनी रहती है परन्तु हाल में अमेरिका में जॉन फ्लायड की पुलिस द्वारा निर्मम हत्या के सन्दर्भ में यह बात चर्चा आयी थी कि कैसे भारत में भी पुलिस ने दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान घायल नवयुवकों...

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नेपाल से तनाव के बीच क्या बदल जाएगा सीमा के आर-पार रहे लोगों का रिश्ता?

-न्यूजलॉन्ड्री, 12 जून को लगन राय को नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ, बोलचाल की भाषा में उन्हेंने पाली पुलिस कहकर संबोधित किया जाता है) ने बंधक बना लिया था. लगन राय उस रोज़ की घटना को याद करते हुए बताते हैं कि वे जानकी नगर-नारायणपुर बॉर्डर पर अपनी बहू और पोता-पोती को समधन (बहू की मां) से मिलवाने गए थे. नेपाल पुलिस ने उन लोगों को रोकने की कोशिश की. उसी...

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