गुजरात में पिछली 28 सितंबर को अहमदाबाद से सौ किमी दूर बनासकांठा के हिम्मतनगर शहर के पास एक दुधमुंही बच्ची के साथ बलात्कार की घटना के बाद वहां के बहुत से हिस्से में बिहारी और उत्तर प्रदेश के मजदूरों के साथ योजनाबद्ध तरीके से मारपीट होती रही. मारपीट से डरे-सहमे अपनी जान बचाने के लिए अब तक पचास हजार से ज्यादा उत्तर भारतीय श्रमिक अपने घरों को लौट गये हैं....
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सरकार संसद में पहले भी सुरक्षित थी
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. सरकार संसद में पहले भी सुरक्षित थी, अब और भी आश्वस्त हो गयी. विपक्ष भी सरकार पर कुछ छींटाकशी कर खुश हो गया. गले से कहने में जो कसर रह गयी, वह गले लगकर पूरी की गयी. सत्ताधारी मोर्चे में कुछ टूट-फूट होने से विपक्ष भी आश्वस्त है. मीडिया को भी मसाला मिल गया- मोदी जी और राहुल गांधी के गले पड़ने की फोटो...
More »कचरे के निपटारे की चुनौती-- मोनिका शर्मा
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2047 तक भारत में कूड़े का ‘उत्पादन' पांच गुना बढ़ जाएगा। इसका अर्थ है कि हमारा देश दुनिया भर में कूड़े का सबसे बड़ा उत्पादक बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह बहुत चिंताजनक है, एक ऐसे देश में, जहां कूड़ा प्रबंधन पहले से ही बहुत बड़ी समस्या है। इतना ही नहीं, हमारे यहां पारंपरिक तरल और ठोस कूड़े के अलावा...
More »अस्मिता की राजनीति से परे-- मणींद्र नाथ ठाकुर
भारतीय जनतंत्र में अस्मिता की राजनीति का प्रभाव काफी समय से रहा है. पिछले कुछ वर्षों में ऐसा लगने लगा था कि शायद इसका युग अब समाप्त हो जायेगा. लेकिन अब इसके विकृत रूप के उभार की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं. बिहार-बंगाल में दंगे, राजपूती शान के नाम पर पद्मावत फिल्म के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन, आरक्षण के लिए विभिन्न जातियों का आंदोलन, दलितों का राष्ट्रव्यापी बंद और राष्ट्रवाद व धर्म...
More »क्यों ठीक नहीं है 'फेक न्यूज' शब्द का प्रयोग- पढ़िए, युरोपीय कमीशन की इस रिपोर्ट में..
फेक न्यूज क्या है, क्या आपने कभी इसकी परिभाषा करने के बारे में सोचा है ? किसी जवाब तक पहुंचने से पहले नीचे दर्ज दो घटनाओं पर गौर कीजिए! नोटबंदी के वक्त एक वीडियो वायरल हुआ कि सरकार ने जो नये नोट जारी किए हैं उनमें जीपीएस-ट्रैकिंग माइक्रोचिप्स लगे है. क्या उस वीडियो को फेक न्यूज का उदाहरण माना जाये, जैसा कि उस वक्त एक खबर में करार दिया गया ? नये नोट...
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