देश में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण और नये-नये इलाकों में आप्रवासियों के लिए बनते नये उपनगरों में अनुमान के हिसाब से लोगों के न पहुंचने से वहां बिल्कुल खाली पड़े लाखों मकानों के बारे में अक्सर चर्चा होती है. कहा जा रहा है कि चीन में पचास से अधिक ऐसे इलाके हैं, जहां नवनिर्मित आवासीय इकाइयां लगभग खाली पड़ी हैं. विडंबना ही है कि अब भारत में भी...
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आक्रोश जरूरी है पर भीड़ की हिंसा शर्मनाक- कैलाश सत्यार्थी
देश में बच्चा चोरी के नाम पर मॉब लिंचिंग यानी उन्मादी भीड़ द्वारा निर्दोषों की हत्याएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले करीब डेढ़ महीने में त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में ऐसी 20 हत्याएं हो चुकी हैं। सिर्फ हत्यारी भीड़ को ही नहीं, बल्कि इलाके के आम लोगों को शक था कि बच्चा चोर किडनियां बेचने, वेश्यावृत्ति कराने और शहरों में भीख मंगवाने के लिए...
More »बच्चे पास हो गए, नीति फेल हो गई-- हरिवंश चतुर्वेदी
अब फिर से पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को रोका जा सकेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 का यह मुख्य प्रावधान था कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जाएगा। लोकसभा ने इसके लिए अधिनियम में संशोधन कर दिया है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना था कि बच्चों को फेल न करने की नीति से स्कूली शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही थी और...
More »मीडिया की आजादी के सवाल-- एम वेंकैया नायडू
जानवर और इंसान में यही फर्क है कि इंसान कुछ नियमों से संचालित होता है, जो व्यवस्थित जीवन की जरूरी शर्त है, अन्यथा तो एक जंगल राज होगा, जहां बलशाली ही राज करता है। व्यवस्थित जीवन का मतलब है, एक तरह का संवाद संतुलन, जो किसी एक घटक को किसी भी स्तर पर निरंकुश होने का अधिकार नहीं देता। आजादी कैसी भी हो, आत्मसंयम मांगती है। भारतीय संविधान कुछ मौलिक...
More »बस्तर से गायब हो रहा है देशी थर्मस तुम्बा !
भानपुरी , बस्तर l बस्तर अपने प्राकृतिक संसाधनों और कुछ प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं के कारण अपने आप मे प्रसिद्ध है , बस्तर में यहां के आदिवासियों के जीवन में प्रकृति का सबसे ज्यादा योगदान रहता है। जहां आज हम प्लास्टिक, स्टील एवं अन्य धातुओं से बने रोजमर्रा की वस्तुओं का उपयोग करते है वहीं बस्तर में आज भी आदिवासी प्राकृतिक फलों , पत्तियों एवं मिटटी से बने बर्तनों का ही...
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