भारत ने उस प्रक्रिया की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, जिसे अनेक लोग बीते दो दशक का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मान रहे हैं. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से अप्रत्यक्ष कर सरल होंगे और कुछ लोगों की समझ में इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. कुछ इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन उनकी नजर में भी यह एक अहम सुधार है. हम अन्य किन सुधारों की उम्मीद...
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सुविधा के द्वीप-- प्रेमपाल शर्मा
दो बजते ही स्कूल से छूटे ढेर सारे बच्चों की खिली हुई आवाज से मन ऐसे प्रसन्न हो उठता है जैसे शाम को घर लौटती चिड़िया का चहकते, शोर करते झुंड को देखना। मैं घर के एकदम पास स्थित सरकारी स्कूल की बात कर रहा हूं। चिल्ला गांव का स्कूल। लगभग तीन हजार बच्चे पॉश कॉलोनियों के बीचों-बीच। लेकिन इसमें इन सोसाइटियों का एक भी बच्चा पढ़ने नहीं जाता। इसके...
More »यूपी में बुनकरों को हर महीने 500 रुपये समाजवादी पेंशन
उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनावों से पहले 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के हथकरघा बुनकरों के जीवन स्तर में सुधार के लिए उन्हें हर महीने 500 रुपये समाजवादी पेंशन देने का फैसला किया है। परिवार में एक सदस्य को 60 वर्ष की आयु सीमा पूरी करने के बाद पेंशन सीधे उसके खाते में दी जाएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।...
More »हीरा-मन हाट हेराया-- अश्विनी भटनागर
पच्चीस साल पहले बाजार खुला था। प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह की उदार नीति के तहत यह नई संरचना बनी थी। उससे पहले हाट लगा करती थी। हर हफ्ते या फिर बड़ी जगहों में हफ्ते में दो बार। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पड़ोस में पंसारी था या फेरीवाले। हफ्ते की हाट में खरीद-फरोख्त तो होती ही थी, साथ में गपशप भी हो जाती थी। विक्रेता ग्राहक को...
More »आर्थिक सुधारों के दौर में- तवलीन सिंह
पच्चीस साल पहले लाइसेंस राज को समाप्त करने का पहला कदम उठाया था प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने। अफसोस कि जिस तरह नरसिंह राव को भुलाने का काम किया है कांग्रेस पार्टी ने, उसी तरह देशवासियों ने भुला दिया है वह दौर, जो कायम था लाइसेंस राज के समाप्त होने से पहले। नई पीढ़ी के भारतीय तो कल्पना भी शायद नहीं कर सकते उस भारत की, जिसमें तकरीबन हर भारतवासी की...
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