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मप्र में अब स्कूलों में बारात ठहरी तो होगी एफआईआर

डबरा। वर्तमान में शादियों का सीजन शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने वाली शादियों में बारात के ठहरने की व्यवस्था स्थानीय लोगों की ओर से सरकारी स्कूलों में करा दी जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बने सरकारी स्कूलों में बारात रुकती है तो संबंधित बारातियों के अलावा स्थानीय सरपंच व सचिवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की...

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सिर्फ़ 1411 शेर बचे हैं, किसान अभी बहुत हैं!-- अजय शर्मा

तेलंगाना के महबूबनगर ज़िले के गांव गुरुराव लिंगमपल्ली में मेरी मुलाक़ात अंजम्मा से हुई. वो एक किसान की बेवा हैं. अंजम्मा के हाथ में 30 हज़ार रुपए के क़र्ज़ का पर्चा था, जिसे देख-देखकर उनका मन रोने को हो आता. शायद इस गांव में उनके आंसुओं के पीछे मौजूद दर्द समझने वाला कोई नहीं. आख़िर ये लिंगमपल्ली में किसी किसान की पहली मौत जो है. हालांकि लिंगमपल्ली में सूखा और क़र्ज़ सभी किसानों...

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मप्र में कपिल धारा के 90 प्रतिशत कुओं में भ्रष्टाचार का बारूद

पेटलावद से जितेंद्र यादव। पेटलावद हादसे में 89 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले बारूद के पीछे भ्रष्टाचार की एक ऐसी कहानी भी छिपी है जिसके किरदार जिला और जनपद पंचायत के अफसरों से लेकर ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच तक हैं। इस कहानी में ब्‍लास्टिंग का धंधा करने वाले कांसवा सहित अन्य कारोबारियों का भी सीधा हाथ सामने आ रहा है।   झाबुआ जिले में मनरेगा के तहत सरकार की...

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ग्राम पंचायतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वाला शाजापुर मप्र का पहला जिला

ईश्वरसिंह परमार/शाजापुर। अब तक प्रदेश, जिला और जनपद पंचायत स्तर पर ही वीडियोे कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा होकर जिम्मेदार एक-दूसरे से रूबरू होते आए हैं लेकिन शाजापुर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ग्राम स्तर तक होने लगी है। इसी महीने से ये सुविधा शुरू हुई है। इसमें जनपद सीईओ जनपद कार्यालय में बैठकर सरपंच, सचिव व रोेजगार सहायकों से रोज की रिपोर्ट पूछते हैं। इसके लिए 40 ग्राम पंचायत को हाईटेक बनाया गया है।...

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स्कूली शिक्षा और कोर्ट का फैसला- योगेन्द्र यादव

इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के दो दिन बाद मेरे पास इमेल से एक अनजाने व्यक्ति की चिठ्ठी आयी. लिखनेवाली महिला कभी उत्तर प्रदेश सरकार में काम कर चुकी थीं, आजकल विदेश में हैं. चिठ्ठी बड़ी ईमानदारी और शालीनता से लिखी गयी थी. चिठ्ठी में उन्होंने पूछा कि हमने और स्वराज अभियान से जुड़े साथियों ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के उस फैसले का स्वागत क्यों किया, जिसमें सभी सांसदों, विधायकों, सरकारी अफसरों सहित...

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