सूखे की मार से बुंदेलखंड(यूपी) के बारे में आ रही भुखमरी की खबरों के बीच एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के तकरीबन सवा दो करोड़ किसानों में केवल 8 लाख किसानों ही फसल का बीमा करवा सके हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में फसल बीमा वाले किसानों की संख्या राष्ट्रीय औसत से तकरीबन सवा पांच गुना कम है. देश में 20 प्रतिशत...
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हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई
हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...
More »कर्ज है किसान-आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह- नई रिपोर्ट
देश में आत्महत्या करने वाले किसानों में हर तीसरा किसान छोटा या सीमांत किसान है और आत्महत्या को मजबूर किसानों में हर पांचवां किसान कर्जदारी या आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठा रहा है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के तथ्य नये सिरे से इस आशंका को पुष्ट करते हैं कि कर्जदारी और दिवालिया होना किसान-आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह है और आत्महत्या के शिकार किसानों में सबसे...
More »किसानों को चाहिए सुरक्षा कवच- बी के चतुर्वेदी
विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...
More »7500 करोड़ मिलेंगे तो ही किसानों को मिलेगी राहत
केंद्र सरकार जहां किसानों के लिए मांगी गई मुआवजा राशि को कम करने का दबाव बना रही है, वहीं इस मुद्दे पर राज्य सरकार कोई भी समझौता करने के लिए तैयार नहीं। बृहस्पतिवार को राज्य सरकार ने केंद्र को 7500.89 करोड़ रुपये की मांग का संशोधित मेमोरेंडम भेज दिया। इसमें प्रभावित जिलों की संख्या भी 67 से बढ़ाकर 73 बताई गई है। पिछले मेमोरेंडम में केंद्र सरकार से 6678 करोड़ रुपये...
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