इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
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देश में 20 लाख गांठ घटा कपास उत्पादन, लेकिन नहीं बढ़ेंगी कीमतें
नई दिल्ली। सरकार ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में 20 लाख गांठ (एक गांठ=170 किलो) कपास उत्पादन घटने की आशंका जताई है। वहीं हरियाणा और पंजाब में व्हाइटफ्लाई नामक कीड़े की वजह से 25 फीसदी फसल क्षतिग्रस्त होने का अनुमान है। इसके बावजूद ट्रेडर्स का मानना है कि कपास की कीमतों में तेजी नहीं आएगी। इसकी मुख्य वजह ग्लोबल स्तर पर ओवर सप्लाई, चीन से कमजोर मांग और यार्न की...
More »छत्तीसगढ़ में हर 24 घंटे में एक बुजुर्ग कर रहा आत्महत्या की कोशिश
रायपुर। कहते हैं कि बुजुर्गों से घर में समृद्धि-शांति बनी रहती है, लेकिन बुजुर्ग खुद बेहद तनाव में हैं। अकेलेपन के शिकार हैं और बुढ़ापे में उनकी देख-रेख करने वाले साथ छोड़ रहे हैं। यही वजह है कि बुजुर्ग मौत को गले लगाने को मजबूर हैं। प्रदेश में हर 24 घंटे में एक बुजुर्ग आत्महत्या की कोशिश कर रहा है। यह आंकड़ा है संजीवनी 108 एंबुलेंस सेवा का। 1 अगस्त 2014...
More »कछुआ चाल से चल रहा है समेकित बाल विकास कार्यक्रम
सुप्रीम कोर्ट के कई अंतरिम आदेशों के बावजूद सरकार समेकित बाल विकास कार्यक्रम को अभी तक सार्विक नहीं बना पायी है। इस बात का खुलासा चौदहवीं लोक लेखा समिति की रिपोर्ट(2014-15) से हुआ है। लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 लाख बसाहटों में आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित कर पाने का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य निकट भविष्य में पूरा होता नहीं जान पड़ता। (देखें...
More »राज्यों को अपने संसाधन स्वयं सृजित करने चाहिए: जेटली
केंद्रीय बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान में कटौती का आज संकेत दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों को विकास और अन्य योजनाओं के लिए संसाधन सृजित कर खुद अपने सहारे खड़ा होना होगा। जेटली ने यहां एक जनसभा में कहा कि वे दिन अब बीत गए हैं जब केंद्र धन उपलब्ध कराता था और राज्य सरकारे शासन करती थीं।...
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