-द वायर, गुजरात के अमरेली कस्बे के दो श्मशान घाटों में से एक कैलाश मुक्ति धाम में चार भट्टियां ख़राब होने की अलग-अलग स्थिति में हैं. शवों को रखने वाली लोहे की ग्रिल बिना रुके जलती हुई चिताओं के चलते पिघल चुकी है. किसान मगनभाई श्मशान घाट पर काम करने वाले एक वालंटियर हैं, जो अप्रैल और मई 2021 के उन दिनों, जब कोविड-19 ने शहर को तबाह कर दिया था, को...
More »SEARCH RESULT
विकास की धीमी रफ़्तार और बढ़ता नौकरियों का संकट
-द वायर, भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय सर्वेक्षण संगठन (एनएसओ) ने 2017-18 में वार्षिक श्रम बल सर्वेक्षण करना शुरू किया, जो अब तक केवल हर पांच वर्षों पर होता था. एनएसओ ने अभी अपना तीसरा वार्षिक सर्वेक्षण (2019-20) जारी किया, जो 30 जून 2020 तक की अवधि को कवर करता है. 2017-18 में एनएसओ ने बताया कि बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी और युवा बेरोजगारी...
More »भारत की जेलों में कैद औरतों की अनकही कहानियां
-जनपथ, सावित्री को जेल में छह साल हो गये हैं। जमानत तो नहीं हुई, केस भी जाने कब खतम हो। पति के अत्याचारों से तंग आने पर एक दिन हाथापाई में उसकी हत्या हो गयी। अब मायके और ससुराल वालों के साथ ही बच्चे भी पिता की हत्यारिन मानकर उसकी सुध नहीं लेते हैं। रामरति से उसके अपनों ने भी इसलिए मुंह फेर लिया कि पति और ससुराल वालों के अत्याचारों...
More »स्कूल के दिनों में गोलकीपर रह चुके सीएम पटनायक का हॉकी को नया जीवनदान, फिर से बेहतर दिनों की उम्मीद
-आउटलुक, हॉकी जैसे तेज-तर्रार खेल में एक गोलकीपर मैदान पर सभी खिलाड़ियों में सबसे निष्क्रिय और बिना किसी तरह के सुर्खियों रहने वाला लग सकता है। लेकिन, खेल प्रशंसकों को पता होगा कि ये गोलकीपर ही होते हैं जो टीम को अपने बचाव को मजबूत करके और बाकी खिलाड़ियों को आक्रामक और गोल करने की अनुमति देकर टीम को मजबूती प्रदान करते हैं। एक ऐसा दिन जब पूरा भारत हॉकीमय हो गया है, जहां...
More »दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय हिंसा की आग ठंडी नहीं पड़ती कि फिर सुलगने लगती है
-न्यूजलॉन्ड्री, हाल ही में दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर से सुर्खियों में छाया रहा और इस बार भी वहीं सालों पुरानी नस्लीय हिंसा की घटना को लेकर ही जिससे उबरने को लेकर इस देश ने लंबा संघर्ष किया है. लेकिन इस संघर्ष की उपलब्धियों पर गाहे-बगाहे चोट पहुंचती रहती है और बमुश्किल वहां बने सकारात्मक माहौल को बिगाड़ती रहती है. हम एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका को नस्लीय हिंसा की आग...
More »