मुंबई। सरकार ने बीते हफ्ते चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पोटाश सब्सिडी में 20 फीसद कटौती की थी। इसे देखते हुए घरेलू उर्वरक कंपनियां जल्द पोटाश के दामों को बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसकी ऊंची कीमतों से मांग के प्रभावित होने की आशंका है। इसने बड़े ग्लोबल आपूर्तिकर्ताओं के लिए चिंता बढ़ा दी है। भारत दुनिया में पोटाश के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। सब्सिडी में कटौती...
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भरे पेट की दुनिया में भूखे बच्चे --- डा. सैय्यद मोबिन जेहरा
भूख इंसान को कितना मजबूर करती है, यह तो वही जानते हैं जो एक वक्त की रोटी के लिए मारे-मारे फिरते हैं. पेट की यह आग इंसान से क्या कुछ नहीं करवाती है. हम सब दिन रात मेहनत करते हैं और जिंदगी की गाड़ी को खींचते हुए आगे बढ़ते हैं. हमारे समाज में कुछ लोग अपनी मरजी के अनुसार जो कुछ खाना चाहते हैं, वे न सिर्फ खाते हैं, बल्कि...
More »प्रेम से खौफ़ज़दा समाज - मृणाल पाण्डे
एंटी रोमियो अभियान के नाम पर की जा रही रही युवा जोडों की पकड धकड या पिटाई पर काँपने या झींकने से काम नहीं चलेगा| अगर भारतीय युवा पीढी को अपनी इच्छा से घर बाहर मिलने जुलने और निजी परिचय द्वारा बनी दुतरफा संतुष्टि को विवाह की अकाट्य पूर्व शर्त बनाना है, तो जान लें कि यह घर से सडक तक कई मोर्चों पर चलने जा रही एक लंबी लडाई...
More »विकास सूचकांक में पिछड़ने की टीस--- जयश्री सेनगुप्ता
वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
More »भूख से लड़ना है, तो भोजन की बर्बादी पहले रोकिए-- पंकज चतुर्वेदी
बीते रविवार को ‘मन की बात' कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील करते हुए कहा कि ‘हम प्लेट भर ले लेते हैं, फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें, तो कितने लोगों का पेट भर सकता है?' प्रधानमंत्री ने जिस गंभीरता से भोजन की बर्बादी का मुद्दा उठाया है, उससे यह उम्मीद बंधी...
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