SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1713

भ्रष्टाचार और प्रदूषण का खनन-- रामचंद्र गुहा

जब नई सदी की शुरुआत हुई, तो मेरे गृह राज्य कर्नाटक में आर्थिक उदारीकरण के ‘पोस्टर बॉय' थे- एन आर नारायण मूर्ति। मध्यवर्गीय परिवार से निकले इस शख्स के पास उद्यमशीलता का कोई पारिवारिक अनुभव नहीं था। नारायण मूर्ति ने अपनी जैसी सोच वाले छह अन्य लोगों को जोड़ा और इन्फोसिस की नींव रखी। बहुत मामूली शुरुआत हुई थी इसकी, मगर साल 2000 तक इस कंपनी का मुख्यालय न सिर्फ बेंगलुरु...

More »

इरोम की कहानी कुछ कहती है - शशिशेखर

आजादी' शब्द के अर्थ-अनर्थ का अगर असली मतलब समझना है, तो इरोम शर्मिला के सफरनामे को गौर से परखिए। प्याज के छिलकों की तरह परत-दर-परत सत्य अपने समस्त स्वरूपों में खुलता चला जाएगा। मुझे इरोम के प्रति सम्मानपूर्ण सहानुभूति है। गांधी के बाद वह पहली ऐसी भारतीय योद्धा हैं, जिन्होंने साबित किया कि सिर्फ अहिंसक आंदोलन लंबा चल सकता है। इरोम ने तथाकथित खूनी कानून ‘अफ्स्पा' को हटाने के लिए...

More »

आजादी : सपना और हकीकत-- रविभूषण

राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन की परिणति 'सत्ता के हस्तांतरण' में हो जायेगी, यह उन स्वाधीनता सेनानियों ने कभी नहीं सोचा था, जिनके लिए आजादी का अर्थ पूरी आजादी से था. आजादी की लड़ाई में एक साथ कई धाराएं सक्रिय थीं. केवल कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी.  राष्ट्रीय स्वाधीनता-संघर्ष का इतिहास कांग्रेस का इतिहास नहीं है. 'स्वराज' के स्वरूप को लेकर उस दौर में सभी एकमत नहीं थे. आजादी...

More »

दिल्ली में अब 14 हजार रुपए न्यूनतम मजदूर

अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्होंने केंद्र और अन्य राज्यों से अपील की है कि इस ऐतिहासिक फैसले को पूरे देश में लागू किया जाए। मजदूरों को समर्पित स्वतंत्रता दिवस के इस तोहफे से अकुशल, अर्द्ध-कुशल और कुशल मजदूरों की मजदूरी में औसतन 45 फीसद की बढ़ोतरी होगी। केजरीवाल की घोषणा के अनुसार दिल्ली में अब...

More »

विस्थापितों के हक पर अफसरशाही की डकैती, न मुआवजा मिला न नौकरी

दामोदर घाटी परियोजना के विस्थापितों को साठ साल बाद भी न उनकी जमीन और घरों का मुआवजा मिल पाया है और न पुनर्वास के नाते नौकरी। पश्चिम बंगाल और झारखंड के चार जिलों के इन विस्थापितों में ज्यादातर आदिवासी हैं। कुल 240 गांवों की 38 हजार एकड़ जमीन और पांच हजार घर केंद्र सरकार की इस बिजली परियोजना ने 1954 में लील लिए थे। पर विस्थापितों को अंतहीन संघर्ष के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close