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भ्रष्‍टाचार: शीला नहीं छोड़ेंगी कुर्सी, लालू ने पूछी अन्‍ना की हैसियत

नई दिल्‍ली. पिछले साल अक्टूबर में हुए १९ वें कॉमनवेल्थ खेलों में हुई फिजूलखर्ची और अनियमितता के लिए शीला दीक्षित की अगुवाई वाली सरकार को दोषी पाने वाली सीएजी की संसद में पेश रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को फिजूलखर्ची के अलावा अनियमितताओं के लिए दोषी माना गया है। सीएजी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सुरेश कलमाड़ी को आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाने के लिए दोषी माना है। रिपोर्ट में...

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तमिलनाडु की कपड़ा फैक्ट्रियों में दलित लड़की का एक दिन...- (नई रिपोर्ट)

सभी लड़कियों की उम्र 11-14 साल के बीच, ज्यादतर का जन्म दलित परिवार में , जीविका के लिए जमीन नहीं, सो मां-बाप दिहाड़ी मजदूर, सर पर कर्ज का बोझ, इसलिए पढ़ाई से ज्यादा शादी और उससे भी ज्यादा दहेज की चिन्ता। और, इस सबके बीच कपड़ा तैयार करने वाली फैक्ट्रियों में खास लड़कियों की नियुक्ति की एक आकर्षक-योजना सुमंगली स्कीम। स्कीम का वादा--  अच्छा वेतन, रहने-ठहरने का पुरसुकून इंतजाम और...

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बिहार: सांसद के बंगले पर गोलीबारी, 3 मरे

भोपाल। सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने बुधवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी और ऋण राहत में 100 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी हुई। होशंगाबाद जिले में 34 फर्जी खाते तैयार कर फर्जी हितग्राहियों को ऋण माफी देने का मामला भी सामने आया है। 2008 में उजागर हुए इस घपले की जांच में 2080 कर्मी दोषी पाए गए हैं। इनमें से 1069 को नोटिस दिए...

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स्टूडेंट 3.57 लाख, किताबें मात्र 2.39 लाख को

रांची. रांची जिले में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सत्र शुरू हुए तीन माह बीत गए, बावजूद स्कूल में नियमित उपस्थित रहने वाले 30 फीसदी से ज्यादा छात्रों को किताबें नहीं मिली है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो रांची जिले के करीब 2600 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 3 लाख 57 हजार विद्यार्थी नामांकित है। जिसमें से 2 लाख 39 हजार 741 छात्रों को ही किताबें मिली हैं।...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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