दैनिक जरूरतों की वस्तुएं घर के निकट उपलब्ध करानेवाले मेहनतकशों का हर दिन असुरक्षा और अपमान के बीच बीतता है. उनके दु:ख-दर्द को देखते हुए उनके हकों को कानूनी जामा पहनाने का एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. भारत में 90 फीसदी से अधिक लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं. उनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होती. इनमें एक बड़ा वर्ग फेरीवालों का है, जो सड़कों के किनारे और गलियों में...
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देश के 20% घरों में अनाज का दाना नहीं : प्रो द्रेज
पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...
More »सूबे में बनेगा पहचान आयोग
अगले साल से लागू होगा खाद्य सुरक्षा कानून पटना : खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आनेवाले लाभार्थियों की पहचान के लिए अलग से राज्य पहचान आयोग बनेगा. अगले साल जनवरी के प्रथम सप्ताह से बिहार खाद्य सुरक्षा कानून लागू होगा. विभिन्न स्तरों पर तैयारी चल रही है. राज्य खाद्य आयोग के गठन की प्रक्रिया चल रही है. वह बुधवार को...
More »खाद्य सुरक्षा मिशन में तिलहनी फसलें भी शामिल
खाद्य तेलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए इन फसलों की पैदावार बढ़ाने पर भी फोकस होगा सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत चावल, गेहूं और दलहन के बाद अब तिलहनों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देगी। केंद्र सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में एनएफएसएम में नेशनल मिशन ऑयल सीड ऑयल पाम (एनएमओओपी) को भी शामिल कर लिया है। कृषि आयुक्त डॉ....
More »हेराफेरी पर कस रही आरटीआइ की नकेल
सूचना का अधिकार कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई व अपने अधिकारों को पाने का माध्यम बन गया है. झारखंड के गांवों में बड़ी संख्या में लोग आरटीआइ का प्रयोग कर रहे हैं. आरटीआइ के जरिये भ्रष्टाचार का खुलासा करने या अपने अधिकारों को पाने वाले लोगों से प्रेरित होकर दूसरे लोग भी आरटीआइ का उपयोग कर रहे हैं. इस बार की आमुख कथा में पंचायतनामा ने आरटीआइ के ऐसे ही किस्सों...
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