इंदौर. भरोसा करना मुश्किल है लेकिन हकीकत यही है कि इंदौर जैसे महानगर का एक सरकारी स्कूल 18 साल से बिजली को तरस रहा है। वहां पंखा है, ट्यूब लाइट है लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं है। और इससे भी बड़ी बात यह कि कनेक्शन के लिए जो एप्लीकेशन बिजली विभाग को देना है वह इतने समय से शिक्षा विभाग में ही घूम रही है। ऐसा क्यों है इसका माकूल जवाब...
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उत्तराखंड की बांध परियोजनाएं-किसको क्या मिला?
नये राज्यों के गठन के पीछे एक तर्क उनके आर्थिक विकास का दिया जाता है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ-साथ उत्तराखंड का गठन नये राज्य के रुप में हुआ तो जातीय पहचान के साथ-साथ इन राज्यों के आर्थिक विकास का भी तर्क दिया गया था। उत्तराखंड को अस्तित्व में आये अब तकरीबन नौ साल पूरे हो रहे हैं। चिपको आंदोलन समेत कई जनआंदोलनों की जन्मभूमि रहे उत्तराखंड में फिलहाल बांध...
More »पानी है पर मिलता नहीं
सागर. राजघाट बांध में पर्याप्त पानी आ जाने के बाद भी शहर के लोगों को नलों से पानी आने का दिनभर इंतजार रहता है। नवरात्रि में भी नगर निगम समय पर पानी नहीं दे पा रहा है। पानी सप्लाई का कोई समय तय नहीं है। राजघाट बांध द्वारा शहर में 6 ओवर हेड टैंक से पानी सप्लाई किया जा रहा है। जल प्रदाय विभाग की वितरण व्यवस्था में खोट का...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »भोजन का अधिकार विधेयक-छूट ना जाये पत्तल में छेद
भोजन के अधिकार बिल पर चर्चा चल निकली है और अपनी निष्ठा जताते हुए सरकार ने उसको अमली जामा पहनाने की कवायद शुरु कर दी है। ऐसे में नागरिक-संगठनों के कार्यकर्ता और गंवई समस्याओं के गहरे जानकार विशेषज्ञों को यह आशंका सता रही है कि पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लक्ष्य से जुड़ा यह महत्वाकांक्षी बिल अपने मूल मंतव्य से चूककर कहीं सूरदास को सूंघाने के लिए कढ़ाही में...
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