आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है. सूचनाओं के इस युग में इस दिन का खास महत्व है. इस दिवस की शुरुआत भले ही 1993 से हुई हो और संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया हो, लेकिन प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के महत्व को इससे बहुत पहले से ही महसूस किया जाता रहा है. तभी तो महात्मा गांधी ने कहा...
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कठोरतम कानून न्याय का पर्याय नहीं--- निशा नाग
कठुआ और उन्नाव की बलात्कार की घटनाओं को लेकर फैले जन-आक्रोश के बीच ऐसे मामलों में फांसी की सजा दिए जाने की मांग को एक लोकप्रिय मांग बना दिया गया। इस दबाव का नतीजा यह हुआ कि बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चियों के साथ बलात्कार पर फांसी के प्रावधान वाला अध्यादेश केंद्र सरकार ने जारी कर दिया। यह अध्यादेश राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हो चुका है।...
More »न्याय की वेदी पर खंड-खंड पाखंड - भवदीप कांग
अपने आश्रम में एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुना दी है। यह वही आसाराम है, जिसका कभी बड़ा रसूख हुआ करता था। अपने इसी रसूख के दम पर उसने एक बार यहां तक कि गुजरात की तत्कालीन मोदी सरकार को गिराने की धमकी भी दे डाली थी। यूं देखा जाए तो राजनीतिक प्रश्रय की वजह से ही कथावाचक आसाराम के...
More »विश्व बैंक की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की तारीफ
अनिल मिश्रा, रायपुर। विश्व बैंक की हाल ही में रिलीज हुई सालाना रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की प्रशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्रयोग से लीकेज कम करने में सफलता हासिल की है। 2005 में पीडीएस में लीकेज 52 फीसद था जो 2012 में घटकर नौ फीसद रह गया। विश्व बैंक की 2019 की रिपोर्ट-चेंजिंग...
More »कोर्ट ही कोर्ट को बचा सकता है-- प्रो. फैजान मुस्तफा
भारत के विधि आयोग की 195वीं रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तावित 'जजेज (इन्क्वाॅयरी) बिल, 2006' का उद्देश्य एक ऐसे न्यायिक मंच की स्थापना करना था, जो जजों के विरुद्ध शिकायतों से निबट सके. चार वरिष्ठ जजों का इसका सदस्य होना था. इसके अंतर्गत यह प्रावधान किया गया था कि जिस मामले में महाभियोग की जरूरत न हो, उसमें चेतावनी, परामर्श, फटकार, न्यायिक कार्यों से अलगाव या निजी या सार्वजनिक...
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