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‘ऐसे कानून के लिए हम विकास दर बढ़ने का इंतजार करते रहें, यह जरूरी तो नहीं’

खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अलग-अलग खेमों से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. सामाजिक कार्यकर्ता इसकी तारीफ कर रहे हैं तो कॉरपोरेट जगत इस पर चिंतित है. अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज, रेवती लॉल को बता रहे हैं कि क्यों देश को इस कानून की जरूरत है और इसमें कौन-सी खामियां हैं जो दूर होनी चाहिए. खाद्य सुरक्षा विधेयक ने तमाम आशंकाएं पैदा कर दी हैं. पहली आशंका यह है कि देश के...

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रुपये को खा गया विदेशी निवेश- डा. भरत झुनझुनवाला

देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सरकार को खपत कम और निवेश अधिक करने होंगे. विदेशी निवेश से प्राप्त रकम का सदुपयोग हाइवे तथा इंटरनेट सुविधाओं के लिए किया जायेगा, तभी रुपया स्थिर होगा. रुपये में आयी गिरावट का मूल कारण हमारे नेताओं का विदेशी निवेश के प्रति मोह है. विदेशी निवेश को आकर्षित करके देश को रकम मिलती रही. देश की सरकार इस रकम का उपयोग मनरेगा या भोजन...

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घटती जीडीपी, लौटती महंगाई; संभालें अपना पोर्टफोलियो

मौजूदा वित्ता वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर महज 4.4 फीसद रही है। इस बीच भारत का जीडीपी-कर्ज अनुपात घटकर 66 फीसद हो गया है। देश का चालू खाते का घाटा खतरनाक स्तरों पर बना हुआ है। इन सबके बीच महंगाई डायन ने एक बार फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। महंगाई थामने की लगातार कोशिशों के बावजूद आरबीआइ ने अब भी इसके सामने हाथ खड़े कर...

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नए भूमि अधिग्रहण कानून से ढांचागत क्षेत्र को नुकसान : विशेषज्ञ

मुंबई। विशेषज्ञों तथा विश्लेषकों ने नये भूमि अधिग्रहण कानून की आलोचना करते हुए कहा है कि यह 12वीं पंचवर्षीय योजना में ढांचागत क्षेत्र में 1000 अरब डालर के निवेश लक्ष्य के लिए झटका है क्योंकि नये नियमों में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिक मुआवजे तथा प्रभावित पक्षों से  'संपूर्ण सहमति'  की बात है। भूमि अधिग्रहण विधेयका को पिछले सप्ताह लोकसभा में पूरे बहुमत के साथ पारित कर दिया गया। कुशमैन एंड वेकफील्ड के कार्यकारी...

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गरीबों के नाम पर अर्थव्यवस्था का कबाड़ा- तवलीन सिंह

हमारे अपनों ने गरीब जनता के नाम पर पिछले सप्ताह की अर्थव्यवस्था की भयानक अनदेखी। दोष हर उस सांसद का है, जिसने खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित करने के लिए वोट डाला, लेकिन सबसे ज्यादा दोष किसी का है, तो वह है प्रधानमंत्री का, वित्त मंत्री का और सोनिया गांधी का। सोनिया और उनके सुपुत्र राहुल गांधी का हाथ भूमि अधिग्रहण विधेयक में भी है, जिसका पारित होना भी तकरीबन तय...

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