देहरादून। मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल को विभागों की रफ्तार बेहद धीमी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऐसे विभागों की तरफ भृकुटी तानी है। काम में ढिलाई बरतने वाले अफसरों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। सत्ता के शीर्ष पर आसीन होने के बाद से मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने अब तक 333 घोषणाएं की हैं। इन पर अमल की रफ्तार काफी धीमी है। प्रमुख सचिव शत्रुघ्न सिंह ने...
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अब हफ्ते के बजाय महीने में जारी होगा महंगाई दर का आंकड़ा
नई दिल्ली : सरकार ने थोक बिक्री मूल्य आधारित महंगाई दर के आंकड़ों को साप्ताहिक आधार पर जारी करने की मौजूदा व्यवस्था को मासिक आधार पर करने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही मंहगाई के इन आंकड़ों के लिए 1993-94 की जगह अब 2004-05 की कीमतों को तुलना का आधार माना जाएगा। नयी व्यवस्था के बावजूद संवेदनशील प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन सामग्री के थोक मूल्य...
More »निर्णायक कार्रवाई, निशाने पर आदिवासी!
नई दिल्ली [इरा झा]। नक्सलियों पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर सरकार इस बार गंभीर नजर आ रही है, मगर उसकी तैयारी अब भी अधूरी ही दिखाई पड़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के लगातार आ रहे बयानों से ऐसा लगता है कि अब कभी भी नक्सल पीड़ित सात राज्यों में उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच ऐसे विज्ञापनों के दौर भी चल रहे हैं, जिनसे...
More »ग्राम न्यायालय- कितने दिन- कितने कोस?
सुप्रीम कोर्ट का हालिया बयान कहता है-देश की अदालतों में कुल ढाई करोड़ से ज्यादा मुकदमे निपटारे की बाट जोह रहे हैं। विधि मंत्रालय का सुझाव है कि देश में अदालतों की तादाद मौजूदा संख्या के पांच गुनी बढ़ायी जानी चाहिए। मगर सरकार ने ग्राम न्यायालय अधिनियम में प्रावधान किया है कि महज ५००० ग्राम न्यायालय स्थापित किए जाएंगे- यानी अदालतों की संख्या में महज ५० फीसदी का इजाफा होगा...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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