जनसत्ता 14 अगस्त, 2012: देश को नए मंत्री मिल गए हैं। देश की गहरी समस्याओं के जनक रहे पुराने लोग नई पोशाकों में आ खड़े हुए हैं। देखते हैं तो उनके हाथों में तलवारें भी वही बाबाआदम के जमाने की हैं- कागजी! सारे देश में सूखा पड़ा है और अभी अचानक बिजली चले जाने का नया रोग भी गहरा अंधेरा बनाने लगा है। इसे अगर एक प्रतीक से जोड़ कर...
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बहू बनायेगी गांव को स्वच्छ
विकास योजनाओं को धरातल पर लाने में गांवों में नियुक्त जल सहिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है. झारखंड में प्रत्येक राजस्व गांव में ग्राम स्तर पर पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है और प्रत्येक राजस्व गांव में एक जल सहिया की नियुक्ति की गयी है. स्थानीय स्तर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने व गांव को स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी जल सहिया की होती है. इसके अलावा अन्य...
More »आजाद देश की गुलाम किशोर आबादी ?
एक अरब इक्कीस करोड़ की आबादी वाले भारत में 20 फीसदी व्यक्ति किशोर उम्र (10-19साल) के हैं, मतलब किसी भी अन्य देश के किशोरवय लोगों की संख्या की तुलना में ज्यादा।( भारत में इस उम्र के लोगों की कुल तादाद 24 करोड़ 30 लाख है जबकि चीन में किशोरवय लोगों की संख्या तकरीबन 20 करोड़ है।) हरियाणा के बागपत और असम के गुवाहाटी से आने वाले महिला-उत्पीड़न की खबरों के बीच यह जानना महत्वपूर्ण...
More »मनरेगा के प्रति हो रहा है मोहभंग- लखन सालवी
भीलवाड़ा जिले में मनरेगा के तहत स्वीकृत हुए श्रेणी-4 के कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। 14,663 व्यक्तिगत कार्य स्वीकृत हुए थे जिनमें से केवल 5,825 पर ही कार्य पूर्ण हुए हैं। जून माह तक 39 प्रतिशत कार्यों के लिए मस्टररोल जारी हो पाए हैं। शेष अधरझूल में हैं। प्रशासन का कहना है कि मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ये प्रशासन का अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए दिया गया बयान है। काम पूरे नहीं हो पाने...
More »भारत की आधुनिकता का बड़बड़झाला- कृष्ण कुमार
तमिलनाडु के मदुरैई जिले की एक स्कूल प्राचार्या ने उन दो लड़कियों को स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया जिनका विवाह उनके माता पिता ने कक्षा 10वीं पास करने के बाद कर दिया था। प्रारंभिक तौर पर यह ऐसा लगता है कि प्राचार्या ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही व्यापक सामाजिक संदर्भ में यह बड़ा अजीब लगता है और यह अस्वीकार्य भी है कि किसी लड़की को शिक्षा का...
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