दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे खींचतान पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को तीखी टिप्पणी की है। सरकार के कामकाज पर नाराजगी जाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा ‘लोगों को एक बेहतर सरकार की उम्मीद थी लेकिन यह क्या हो रहा है।' हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने अल्पसंख्यक स्कूलों को कम आय वर्ग के बच्चों को दाखिला नहीं देने के छूट देने एवं...
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नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...
More »खाद्यान्न उठाव में नहीं चलेगा बैकलॉग: जीतन राम मांझी
पटना: मुख्यमंत्री ने जीतन राम मांझी ने खाद्यान्नों के उठाव में लापरवाही करनेवाले अधिकारियों के साथ सख्ती से निबटने का फरमान जारी किया है. इसके लिए उन्होंने राज्य के कुल 11 जिलों को चिह्न्ति भी कर लिया है, जहां खाद्यान्नों के उठाव की स्थायी समस्या का समाधान किया जाना है. मुख्यमंत्री ने इन 11 जिलों में सीएमआर का चावल आपूर्ति करने वाले डीलरों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया...
More »अंतहीन यातनाओं से गुजरते विचाराधीन कैदी- सुभाष गताडे
पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...
More »वृद्ध माता-पिता की अनदेखी करने पर देना होगा 10 हजार तक गुजारा भत्ता
रांची: झारखंड मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण नियमावली, 2014 को स्वीकृति दे दी. इसके तहत अब वृद्ध माता-पिता की देखभाल करना अनिवार्य होगा. नहीं करनेवालों से सरकार अधिकतम 10 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा-भत्ता दिलवायेगी. इसके लिए पीड़ित माता-पिता कोट्रिब्यूनल में आवेदन देना होगा, जिसका गठन जल्द होगा. राज्य सरकार इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए एक समिति भी गठित करेगी. समाज...
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