मोंगाबे हिंदी, 06 दिसम्बर तेलंगाना का खम्मम जिला पूरे राज्य में ताड़ की खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य के चार ऐसे चुनिन्दा जिलों में से है जहां 1990 के दशक में सबसे पहले ताड़ की खेती शुरू हुई थी। यहां ताड़ की खेती करने वाले बहुत से पुराने और नए किसान आपको आसानी से मिल जाएंगे। छप्पन वर्ष के विद्या सागर ऐसे ही एक किसान हैं जो इस...
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भारत के सबसे पिछड़े जिले से तीन महिलाओं की भूख और उससे जुड़े संघर्ष की कहानी
इंडियास्पेंड, 02 दिसंबर नवम्बर महीने के दूसरे सप्ताह के बुधवार को रेखा देवी, उम्र लगभग 40 वर्ष, अपने घर से तकरीबन 500 मीटर दूर एक खेत में कम्पैन मशीन के पीछे अपने बच्चों के साथ धान की बालियां बीन रही थीं। पूछने पर वह कहती है की इन गिरी हुई बालियों से उनके परिवार का गुजारा होता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से तकरीबन 170 किलोमीटर पूरब में भारत और नेपाल...
More »पाताल के पानी का भरपूर दोहन कर रहे हैं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान
भारत में बारिश के साथ आने वाली खरीफ की सीजन खत्म हो गई है। सर्द हवाओं ने रबी की सीजन का इस्तक़बाल कर दिया है। किसानों ने मोटर–पंपों के माध्यम से पानी को पाताल से खींचना शुरू कर दिया है। नलकूपों में चल रही मशीनों के लिए बिजली सरकार ने भेजी है। यानी राजा और प्रजा दोनों की इच्छा है कि पाताल से पानी खींच कर खेतों में छोड़ा जाए। इसी...
More »क्या GI टैग बदल पाएगा बिहार में मखाना बिजनेस का भविष्य, नए स्टार्ट-अप में क्यों बढ़ रहा आकर्षण
दिप्रिंट, 27 नवम्बर मखाना अब भारत का नया सुपरफूड बनकर उभरा है और केंद्र सरकार से हाल ही में मिले भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) के बाद अब ये वैश्विक बाज़ार तक पहुंच बनाने को तैयार है. बिजनेस में तेजी के साथ ही बिहार में मखाना के क्षेत्र में अब नए स्टार्ट-अप और कारोबारी भी आने लगे हैं. लेकिन मिथिला क्षेत्र में पीढ़ियों से जो किसान मखाना की खेती कर रहे हैं, वे...
More »नहर की मरम्मत करवा दो, हम किसान तीन दिन से भूख हड़ताल पर हैं
अमर उजाला, 21 नवम्बर शिवपुरी जिले में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना है कि दो गांव के किसान पिछले तीन दिनों से तहसील कार्यालय के सामने बैठे हैं। नाराज किसान तहसील कार्यालय के सामने तंबू गाड़कर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। बावजूद इसके जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी किसानों की अभी तक कोई सुध नहीं लिए। किसानों के अनुसार, अगर खेतों में पानी नहीं पहुंचेगा...
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