बागबहार। सिंचाई के अभाव में प्रदेश का सबसे अधिक टमाटर उत्पादन क्षेत्र के भूमि सूखे हुए हैं। कई किसानों के टमाटर की फसल सूखकर बर्बाद हो गई और किसानों की चेहरें में मायूसी छाई है। बागबहार और पत्थलगांव क्षेत्र में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक टमाटर की पैदावार होती है, लेकिन इस साल ज्यादातर भूमि बंजर है टमाटर उत्पादक किसान ध्यान नहीं दे रहे हैं। बागबहार क्षेत्र का किसान कार्तिक केशवर...
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ये है खेती करने की अनूठी तकनीक, ओस की बूंदें सहेजकर बढ़ाते हैं पैदावार
सीकर। बूंद-बूंद सिंचाई के बाद अब सब्जियों की खेती में पानी की हर बूंद को सहेजने में मल्च तकनीक अच्छी कारगर हुई है। इस विधि से फसल में किसान 75 फीसदी पानी की बचत कर सकते हैं। वहीं खरपतवार की समस्या भी नहीं रहती। उपयोगिता को देखते हुए इस साल जिले में करीब एक हजार किसानों ने इजरायल व महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रायोगिक तौर पर 2000 हैक्टेयर सब्जियों की...
More »उद्यानिकी ने बदल दी छत्तीसगढ़ के किसान की तकदीर
प्रकाश वर्मा, राजनांदगांव। एक समय था जब धान की फसल उगाकर किसान अपने परिवार की आवश्यक्ताएं ही पूरी नहीं कर पाता था, लेकिन आज वहीं किसान अपने साथ मजदूरों के परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। ऐसी ही कुछ कहानी है छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ग्राम नाथूनवागांव के किसान संतोष देवांगन की, जिनकी तकदीर और तस्वीर दोनों उद्यानिकी विभाग से जुड़ने के बाद पूरी तरह से बदल गई। वर्तमान...
More »शिवपुरी मंडी में टमाटर 2 रुपए किलो, किसान परेशान
शिवपुरी (ब्यूरो)। दो महीने पहले तक 60 से 80 रुपए किलो बिक रहे टमाटर को शिवपुरी मंडी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। किसानों ने खेत से बाजार तक लाने की लागत नहीं निकल पाने के चलते टमाटर खेतों में ही सड़ने छोड़ दिया है। थोक मंडी में भी उचित दाम न मिलने पर किसान टमाटर फेंककर घर जा रहे हैं। थोक मंडी में टमाटर दो रुपए और फुटकर में 10...
More »बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय
जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...
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