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पदोन्नति में आरक्षण का प्रश्न-उदित राज

जनसत्ता 27 दिसंबर, 2012: पदोन्नति में आरक्षण का विवाद अभी थमा नहीं है और निकट भविष्य में थमने वाला भी नहीं है। पिछले अठारह दिसंबर को राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए एक सौ सत्रहवां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित कर दिया था। दूसरे दिन यानी उन्नीस दिसंबर को इसे लोकसभा को पारित करना था। समाजवादी पार्टी के विरोध के कारण कई बार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।...

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देश में मात्र 26 फीसद आबादी के पास मोबाइल फोन

नयी दिल्ली : देश में वास्तविक तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल करने वाली जनसंख्या कुल आबादी का मात्र 26 प्रतिशत है. दूरसंचार उद्योग के संगठन जीएसएम एसोसिएशन (जीएसएमए) के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है. जीएसएमए की महानिदेशक एनी बाउवेराट ने कहा कि औसतन प्रत्येक मोबाइल धारक के पास दो सिम कार्ड हैं. वास्तव में कुल मोबाइल धारकों की संख्या 38 करोड़ ही है जो कुल आबादी का 26 फीसद...

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पेशेवर दक्षता बनाम संघर्ष- अनिल चमड़िया

जनसत्ता 17 अक्टुबर, 2012: भूमंडलीकरण का दौर शुरू होने के बाद, कई दूसरे कामों में लगे लोगों का राजनीति में वर्चस्व बढ़ा है। राजनीति में पहले किसी राजनीतिक संगठन का कार्यकर्ता होने की शर्त होती थी। अलबत्ता कुछेक दूसरे पेशों के लोग भी राजनीति में अपना प्रभाव रखते थे। इनमें खासकर वकील होते थे। लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता कार्यकर्ताओं और राजनीतिक संस्कृति के दबाव में रहती थी। राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस...

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मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण

मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...

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शिक्षक होने के मायने क्या? : सतीश झा

हाल ही की एक खबर पर बहुत कम लोगों का ध्यान गया, जबकि भारत के शैक्षिक भविष्य में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति की रुचि उसमें होनी चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक आश्चर्यजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आज देश में पांच लाख से भी अधिक ‘शिक्षक’ नौकरी की तलाश में हैं। यह बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया कि सरकार में बैठे हमारे हुक्मरान क्या...

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