गुड़गांव,जागरण संवाददाता : अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों की सुरक्षा पर सरकार ने विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसी निमित्त गुड़गांव में अलग से डीएफओ पद का सृजन किया गया है। इस पद के दायरे में गुड़गांव के अलावा मेवात, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ जिले को शामिल किया गया है। अलग शाखा के सृजन से वन्य जीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा। ज्ञात हो...
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ग्रामीण इलाकों में फिर से दिखाई देने लगे परिंदे
लुधियाना। पंजाब में हरित क्राति के बाद कृषि मित्र पक्षियों की संख्या में अचानक कमी हो गई। कारण था छायादार पेड़ों की संख्या में कमी और कमाई के लिए लगाए गए नुकीले पेड़ों पर घोंसलों का असुरक्षित होना। इसी के चलते गटार, लालड़ी , छोटी चिड़िया (हाउस स्पैरो), चक्कीराहा (हुप्पू), कठफोड़वा (वुडपेकर), नीलकंठ (ब्ल्यू जे), छोटा व बड़ा उल्लू जैसे पक्षियों की संख्या लगातार कम होने लगी। हालाकि, इसके पीछे...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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