SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 86

विकास का विद्रूप- सुनील

राहुल गांधी ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के नौजवानों को फटकारते हुए जब कहा कि कब तक महाराष्ट्र में भीख मांगोगे और पंजाब में मजदूरी करोगे, तो कई लोगों को यह बात नागवार गुजरी। उनकी भाषा शायद ठीक नहीं थी। आखिर देश के अंदर रोजी-रोटी के लिए लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने को भीख मांगना तो नहीं कहा जा सकता। वे अपनी मेहनत की रोटी खाते हैं, भीख या...

More »

मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर

यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...

More »

लोकतंत्र का लट्ठ- रेयाज उल हक (तहलका)

भट्टा-पारसौल में जो हुआ और जिस अंदाज में हुआ उससे साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार को असहमति और विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार की जरा भी परवाह नहीं. रेयाज उल हक की रिपोर्ट अगर यह लोकतंत्र है तो भट्टा-पारसौल के लोगों ने इसका मतलब देखा और महसूस किया है. देश की संसद से बमुश्किल 70 किलोमीटर दूर बसे 6000 जनों की आबादी वाले इस गांव ने लोकतंत्र को गोलियों के रूप...

More »

अलख जगाती एक यात्रा-- मेधा

११ दिसंबर दिन शनिवार का है। बापू की समाधि राजघाट पर जनमेला लगा है। देश भर से लोग अपनी रंगत, अपने लिबास, अपनी भाषा में विविधता संजोए आए हैं। कुछ है जो रंग-बिरंगी विविधता से भरे इन लोगों के मन को एकरस बना रहा है। सब के दिलों में एक ही तमन्ना धड़क रही है। और वह तमन्ना है - शस्य श्यामला ध्रती की उर्वरा-शक्ति, उसकी जीवंतता को बचाने की,...

More »

बेरहम हुए धरती के भगवान

रांची रिम्स के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों के सामने एक लाचार बाप पिछले कई दिनों से अपनी बेटी की जान की भीख मांग रहा है। लेकिन धरती के भगवान कहलाने वाले डॉक्टर उसकी हालत देखकर पसीज नहीं रहे हैं। गढ़वा के जनार्दन सिंह (बदला हुआ नाम) नामक इस शख्स की आंखें रोते-रोते सूज चुकी है। उसकी छह वर्षीय बेटी रिंकी के लीवर में पानी भरा हुआ है। हालत दिन पर दिन खराब होती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close