"मैं अपने बच्चे के निमोनिया का इलाज कराने के लिए यहां से 50 किलोमीटर दूर से आया हूं. इतनी सर्दी थी रास्ते में. बच्चे की सांस तेज़ चल रही थी. बच्चे की हालत देखकर ही डर लग रहा था..." ये शब्द मोहन मेघवाल के हैं जो अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल आए थे. ये वही अस्पताल है, जहां बीते 30 दिनों में...
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नए साल पर जलते-बंटते मुल्क में मीडिया-रुदन
पिछले ही हफ्ते ओलिंपिक खेलों में प्रवेश के लिए मुक्केबाज़ी का ट्रायल हुआ था. मशहूर मुक्केबाज़ मेरी कॉम ने निख़त ज़रीन नाम की युवा मुक्केबाज़ को हरा दिया. इस घटना से पहले और बाद में क्या-क्या हुआ, वह दूर की बात है. मुक्केबाज़ी के इस मैच और उसके नतीजे की ख़बर ही अपने आप में जिस रूप में सामने आयी, वह मुझे काम की लगी. किसी ने ट्विटर पर किसी...
More »एनपीआर एनआरसी नहीं है फिर इसको लेकर इतनी आशंकायें क्यों हैं?
पिछले दिनों देश भर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन हुए. कई राज्यों में ये प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गए और कई लोगों को इनमें जान गवानी पड़ी. इसके बाद प्रधानमंत्री ने दिल्ली में अपनी रैली में जोर देकर कहा कि उनकी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक कभी भी मंत्रिमंडल या संसद में एनआरसी पर विचार ही नहीं हुआ है. हालांकि, देश...
More »भारत की न्यायपालिका के लिए 2019 क्यों एक भुला देने वाला साल है
यदि भारत की कोई संवैधानिक संस्था 2019 की ओर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहेगी, तो वो है न्यायपालिका. वैसे तो भारतीय न्यायपालिका का प्रदर्शन हाल के वर्षों में खराब ही रहा है, फिर भी 2019 ने इसके अपयश में कई नए पन्ने जोड़े हैं. न्यायपालिका संवैधानिक नैतिकता और वैधता के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार के उपेक्षा भाव का खामियाजा झेल रहे लोगों के पक्ष में खड़े होने में विफल रही है. और...
More »सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए लोगों को सांप्रदायिक रंग क्यों दे रही है बिजनौर पुलिस?
मंगलवार दोपहर के दो बज रहे हैं. बीते शुक्रवार यानी 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नहटौर इलाके में हुए विवाद और दो हत्याओं के पांच दिन बाद धीरे-धीरे बाज़ार खुलने लगे है. नहटौर मार्केट में हल्की-फुल्की चहल-पहल देखने को मिलती है. विवाद के बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई की दहशत से घर छोड़कर चले गए लोग अब धीरे-धीरे अपने घरों को लौटने लगे हैं. हालांकि अभी भी...
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