कुछ लोग अपने जीवन में प्रसिद्धि प्राप्त कर लेते हैं, तो कुछ लोग मरणोपरांत। डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने जीवन में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो पाए, पर धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता ही चला गया है। विगत दौर में महापुरुषों के अमर होने की अवधि भले बहुत लंबी रही हो, पर भविष्य में मूल्यांकन काम और विचार के आधार पर ही होने वाला है। संचार की दुनिया में क्रांति आने के...
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रोकना होगा नए काले धन को- शिवदान सिंह
देश में भ्रष्टाचार और काले धन के विरोध में तब तीव्र माहौल बना, जब अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के तहत यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। उसी माहौल में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने वायदा किया कि महज 100 दिनों में ही वह देश से भ्रष्टाचार को खत्म कर देंगे और काला धन वापस...
More »मौत के खतरे से क्यों मूंदें आंखें? - डॉ. एके अरुण
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तंबाकू निर्मित उत्पादों के 60 से 65 प्रतिशत हिस्से पर सचित्र चेतावनी प्रकाशित करने को अपना समर्थन दिए जाने के बाद इससे संबंधित विवाद का काफी हद तक पटाक्षेप तो हो गया है, पर तंबाकू व नशे के इस्तेमाल पर रोक के लिए बनी संसदीय समिति के सदस्यों (खासकर भाजपा सांसदों) की टिप्पणियों कि 'तंबाकू से कोई कैंसर या खतरा नहीं होता" को लेकर पहले ही...
More »प्रतिष्ठा का प्रश्न बना भूमि अधिग्रहण विधेयक - परंजॉय गुहा
मोदी सरकार का भू-अधिग्रहण अध्यादेश 5 अप्रैल को समाप्त हो रहा है और सरकार ने पुन: अध्यादेश लाने का निर्णय किया है। यह एक बहुत बड़ा राजनीतिक जुआ है। चूंकि राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए पूरी संभावना है कि जब यह अध्यादेश विधेयक की शक्ल में वहां जाएगा, तो निरस्त हो जाएगा। ऐसे में सरकार के पास संसद का संयुक्त सत्र बुलाने के सिवा कोई और...
More »कृषि-क्षेत्र में भारत चीन से कोसों पीछे- नई रिपोर्ट
कृषि के क्षेत्र में शोध पर चीन भारत की तुलना में दो गुना से भी ज्यादा खर्च करता है। विश्व स्तर पर खाद्य- सुरक्षा संबंधी नीतियों के बारे में जानकारी देने वाली मशहूर संस्था इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने साल 2009 में कृषि संबंधी शोध पर 109 करोड़ 20 लाख डॉलर खर्च किए जबकि चीन ने साल 2008 में कृषि-शोध...
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