SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 915

धातु से जुड़े विनाश की कहानी : आउट ऑफ दिस अर्थ- सच्चिदानंद सिन्हा

गरीबों के हलके तसले और पतीलों से लेकर विशालकाय वायुयानों की काया बनाने वाले अल्युमिनियम के उत्पादन और विपणन के पीछे घोर शोषण और विध्वंस की जो गाथा छिपी है, उससे हममें से बहुत थोड़े लोग ही वाकिफ होंगे.  आधुनिक औद्योगीकरण आदम के आदिम अभिशाप की अभिव्यक्ति भर नहीं है. यह मनुष्य के परिवेश के बार-बार नष्ट होने, इससे विस्थापित होकर आजीविका की तलाश में संसार भर में भटकने और अमानवीय स्थितियों...

More »

भ्रष्टाचार रोग से बेबस दुनिया-- पुष्परंजन

भ्रष्टाचार के खिलाफ़ इस समय भारत में हल्ला बोल कार्यक्रम चल रहा है. भ्रष्टाचार के इस रोग से मुक्ति के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों की जनता छटपटा रही है. तमाम देशों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए संस्थाएं भी हैं. लेकिन क्या करप्शन फ्री समाज का बनना संभव है? दुनिया में भ्रष्टाचार उजागर करने में ’ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल‘ सबसे आगे रहा है. जिस देश में इस संस्था का मुख्यालय है, वह दुनिया के...

More »

सेना में ड्राइवर के तौर पर भर्ती हुए थे अन्ना

नई दिल्ली. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सख्त लोकपाल विधेयक बनाने और उसमें जनता की हिस्सेदारी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे देश के भीतर ईमानदारी और इंसाफ की लड़ाई लड़ने से पहले सीमा पर देश के दुश्मनों के भी दांत खट्टे कर चुके हैं। 1962 में चीन से युद्ध के बाद भारत सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील के बाद वे अन्ना सेना में...

More »

महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

More »

दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011

अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close