पिछले दिनों बिहार के साढ़े चार करोड़ लोगों ने मानव शृंखला बना कर दहेज और बाल विवाह के विरुद्ध प्रतिबद्धता जाहिर की। जिस तरह राज्य की राजधानी पटना से लेकर गांव-कस्बों में कतारों में खड़े करोड़ों लोगों ने इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का संकल्प व्यक्त किया वह यह रेखांकित करने के लिए पर्याप्त है कि जनजागरण के जरिए सामाजिक बुराइयों को मिटाया जा सकता है। एक साल पहले...
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सुनिश्चित हो खाप की जवाबदेही-- जगमती सांगवान
अभी कुछ ही दिन पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि दो वयस्कों की शादी में कोई भी बाधा नहीं बन सकता. ऑनर किलिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने खाप पंचायतों को फटकार लगायी थी कि बालिग लड़के-लड़की की शादी के उनके फैसले में कोई भी दखल नहीं दे सकता. ऐसा करने का किसी को भी कोई अधिकार नहीं...
More »गुजरात में और उलझा निजी स्कूलों की फीस का मुद्दा
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात में निजी स्कूलों की फीस का मामला और उलझ गया है। अदालत के आदेश के बाद स्कूल संचालकों ने अभिभावकों पर अधिक फीस जमा करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अभिभावक पूर्व में राज्य सरकार द्वारा तय की गई दरों के अनुसार शुल्क देने को राजी हैं, लेकिन स्कूल संचालक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में उनको परेशान...
More »ऑनरेरी डिग्री की गरिमा-- डा. गौहर रजा
किसी शख्स को उसके उत्कृष्ट काम या समाज में बेहतरीन योगदान देने के लिए ऑनरेरी डिग्री (मानद उपाधि) दी जाती है. यह एक तरह से अकादमिक सम्मान है. मानद उपाधि देने की शुरुआत पंद्रहवीं शताब्दी में ऑक्सफोर्ड यूनवर्सिटी से हुई. उस जमाने में यह उपाधि या तो डोनर्स को दी जाती थी, या जिनकाे यह समझा जाता था कि यूनिवर्सिटी के बाहर उन्होंने उत्कृष्ट काम किया है, उनको दी जाती थी....
More »आदिवासी समाज का वह योद्धा-- रामचंद्र गुहा
जीवनी लिखने की विधा अपने यहां बहुत विकसित नहीं हो पाई है। हम जीवित लोगों की चापलूसी करना तो जानते हैं, पर गुजर चुके लोगों के बारे में अधिकार के साथ लिखने की अंतरदृष्टि विकसित नहीं कर पाए। अतीत से लेकर आज तक के नेताओं पर किताबें मिल जाएंगी, लेकिन उनमें से कुछ ही होंगी, जो साहित्य या पढ़ने लायक किताब होने की शर्त पूरी करें। गोखले पर बी आर...
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