नई दिल्ली। दालों के साथ अब सरसों तेल भी अपना रंग बदलने लगा है। जिंस बाजार में सरसों तेल के मूल्य में तेजी का रुख बनने लगा है। राष्ट्रीय राजधानी में सरसों तेल का मूल्य पिछले छह महीने के भीतर करीब 25 फीसद बढ़कर 145 रुपये किलो तक पहुंच गया है। मूल्य वृद्धि के लिए बीते रबी सीजन में सरसों की कम पैदावार को जिम्मेदार बताया जा रहा है। पिछले...
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फ़सल बंपर, लेकिन किसान क्यों दे रहे जान?-- जुबैर अहमद
18 वर्षीय लवप्रीत सिंह का जीवन सामान्य तरीके से गुज़र रहा था. लेकिन पिछले महीने उनकी ज़िन्दगी में तब उथल-पुथल आई जब उनके पिता, 42 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह, ने आत्महत्या कर ली. अमृतसर के निकट एक छोटे से गांव में अब वह अपनी मां और दादी के साथ रहते हैं और अकेली संतान होने के नाते परिवार की सारी ज़िम्मेदारियां उनके युवा कधों पर आ गई हैं. धान के दाम तेज़ी...
More »सिर्फ़ 1411 शेर बचे हैं, किसान अभी बहुत हैं!-- अजय शर्मा
तेलंगाना के महबूबनगर ज़िले के गांव गुरुराव लिंगमपल्ली में मेरी मुलाक़ात अंजम्मा से हुई. वो एक किसान की बेवा हैं. अंजम्मा के हाथ में 30 हज़ार रुपए के क़र्ज़ का पर्चा था, जिसे देख-देखकर उनका मन रोने को हो आता. शायद इस गांव में उनके आंसुओं के पीछे मौजूद दर्द समझने वाला कोई नहीं. आख़िर ये लिंगमपल्ली में किसी किसान की पहली मौत जो है. हालांकि लिंगमपल्ली में सूखा और क़र्ज़ सभी किसानों...
More »छत्तीसगढ़ में धान के आयात पर प्रतिबंध
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से 30 अप्रैल तक धान के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के राइस मिलर्स, कमीशन एजेंट और व्यापारी खाद्य विभाग की अनुमति से ही धान का आयात कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें संचालक, खाद्य विभाग को आयात किए जाने वाले धान की मात्रा, किस्म, समयावधि, क्रय स्रोत और आयात मार्ग की जानकारी देते हुए अनुमति प्राप्त करनी होगी।...
More »महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
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